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सब तरफ खुशी का माहौल चंद्रयान-2 पहुँचा चंद्रमा की कक्षा मे

 

भारत का दूसरा चंद्र मिशन चंद्रयान-2 22 जुलाई को भारत से प्रक्षेपित किया गया था। और 14 अगस्त को यह पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकल गया। इसके बाद 20 अगस्त को चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की कक्षा मे प्रवेश किया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से मिली जानकारी के अनुसार  चंद्रयान-2 पर लगे दो मोटरों को सक्रिय करने से यह स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा की कक्षा में पहुँच गया।

चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण देश के भारी वजन उठाने वाले रॉकेट जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लांच वेहिकल – मार्क 3 (जीएसएलवी एमके 3) से किया गया था। यह स्पेसक्राफ्ट के तीन भागों मे बंटा हुआ हैं, जिसमें ऑर्बिटर (वजन 2,379 किलोग्राम, आठ पेलोड के साथ), लैंडर ‘विक्रम’ (1,471 किलोग्राम, चार पेलोड के साथ) और रोवर ‘प्रज्ञान’ 9 (वजन 27 किलोग्राम, दो पेलोड के साथ) उपस्थित हैं।

उम्मीद की जा रही है कि विक्रम लैंडर 2 सितंबर को चंद्रयान-2 से अलग होकर चंद्रमा की सतह पर उतर जायेगा। इसरो से मिली जानकारी के अनुसार चंद्रयान-2 को चंद्रमा की सतह पर 7 सितंबर 2019 को लैंडर से उतरने से पहले धरती से दो कमांड दिए जाएंगे, ताकि लैंडर की गति और दिशा सुधारी जा सके और वह हल्के से सतह पर उतर सके।

भारतीय स्पेस एजेंसी ने यह जानकारी दी है कि चंद्रयान-2 के चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद इसरो कक्षा के अंदर स्पेसक्रॉफ्ट की दिशा में चार बार (21, 28 और 30 अगस्त को तथा 1 सितंबर को) और परिवर्तन करेगा। ताकि यह चंद्रमा के ध्रुव के ऊपर से गुजरकर उसके सबसे करीब 100 किलोमीटर की दूरी के अपने अंतिम कक्षा में पहुँच जाऐ। अभी तक इस मिशन मे कोई भी परेशानी नही आयी है। उम्मीद की जा रही है कि यह मिशन सफलता पूर्वक पूर्ण हो जाये।

20 अगस्त को चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की कक्षा मे प्रवेश किया है। विक्रम लैंडर 2 सितंबर को चंद्रयान-2 से अलग होकर चंद्रमा की सतह पर उतर जायेगा। इसरो कक्षा के अंदर स्पेसक्रॉफ्ट की दिशा में चार बार (21, 28 और 30 अगस्त को तथा 1 सितंबर को) और परिवर्तन करेगा। ताकि यह चंद्रमा के ध्रुव के ऊपर से गुजरकर उसके सबसे करीब 100 किलोमीटर की दूरी के अपने अंतिम कक्षा में पहुँच जाऐ। सब तरफ खुशी का माहौल चंद्रयान-2 पहुँचा चंद्रमा की कक्षा मे