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तो अब कार्बन डाईऑक्साइड वातारण को नहीं करेंगी परेशान, जानियें क्यों

 

जयपुर। पर्यावरण में कई खतरनाक बदलाव हो रहे हैं। इसकी दिशा में आईसलैंड ने एक बड़ा कदम उठाया है। जो काबिले तारीफ है। वैज्ञानिकों ने पर्यावरण में उपस्थित कार्बन डाई ऑक्‍साइड को पत्‍थर में बदल दिया है। दो साल मेहनत से बनाये गये इस पत्थर का नाम कार्बन फिक्‍स दिया गया है। वैज्ञानिकों ने बताया कि इस शोध के तहत हेलिशेडी जियो‍थर्मल पावर प्‍लांट में कार्बन डाई ऑक्‍साइड और पानी को बेसाल्‍ट चट्टानों के नीचे 540 मीटर गइराई में मिलाया गया और ये फिर एसिडिक मिश्रण चट्टान के कैल्शियम मैग्‍नीशियम में घुल गया

और अंत में इससे लाइमस्‍टोन यानी चूना पत्‍थर बनाया। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथहैम्‍पटन के जुर्ग मैटर के मुताबिक कार्बन डाई ऑक्‍साइड को स्‍थायी रूप से और प्राकृतिक तरीके से ट्रैप कर लिया गया जिससे किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं है। जुर्ग मैटर इस प्रयोग से जुड़े हुयें हैं और इस शोध के लीड ऑथर भी हैं। जानकारी के लिए बता दे कि के ये शोध जर्नल साइंस में प्रकाशित किया गया है। वैज्ञानिकों ने कहा कि इंसानों के द्वारा पैदा की गई ग्‍लोबल वॉर्मिंग से लड़ने में प्रभावी हथियार मिल गया है।

अब कार्बन डाई ऑक्‍साइड लंबे समय तक वातावरण में नहीं रहेगी है। यह जल्‍द ही एक पत्‍थर में बदल कर एक उपयोग में लायी जा सकती है। वैज्ञानिकों ने इसके बारे में जानकारी दे दे हुये बताया कि दो साल के प्रयोग में यह पाया कि 95 फीसद गैस को कैप्‍चर करके उसे पत्‍थर में बदला जा सकता है। वैज्ञानिकों को पहले गल रहा था कि कार्बन डाई ऑक्‍साइड की कैप्‍चर एंड स्‍टोरेज प्रोसेस (CCS) में हजारों वर्षों का समय लग सकता है लेकिन जब इसका प्रयोग किया तो पाया कि ये बहुत ही तेजी से हो रहा है।