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क्या नाइट शिफ़्ट इंसान को दे सकती है कई बीमारियों

 

जयपुर। दुनिया में कई लोगों ऐसे है जब दुनिया सारा काम खत्म करके सोती है तो तब उनका काम शुरू होता है। ऐसे लोगों को आप बेशक उल्लु की ही उपाधि दोगे। सारी दुनिया सोती है जनाब तब काम के  लिए तैयार होते है। और रात भर काम करते है लोग इसे नाइट शिफ्ट कहते है। लेकीन उन लोगों को पता नहीं की रात में उल्लु बनने से कितनी सारी तकलीफों का सामना कर पड़ सकता है। कई लोगों का मानना है की रात में काम करना आसान होता है क्योंकी  काम कर करना पड़ता है।

भीड़ भाड़ कम रहती है। लेकीन कुछ दर का आराम हराम हो सकता है नाइट शिफ़्ट में काम करना और मुश्किल खड़ी कर सकता है। वैज्ञानीकों ने रात के उल्लु यानी नाईट शिफ्ट काम करने वाले लोगों पर शोध किया के और पाया की विकसित देशों में 7 से 15 फ़ीसद लोग रात में काम करते हैं। तो इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी टिप्पणी दी कि रात में काम करने से कैंसर का ख़तरा बढ़ जाता है। आपकों बता दे की हम सबका शरीर, क़ुदरती तौर पर दिन और रात की रोशनी के हिसाब से चलता है। इसे आप बायोलॉजिकल क्लॉक या सर्केडियन रिदम कह सकते हैं।

दिन की रोशनी में हमारा शरीर ज़्यादा सक्रिय होता है और वहीं रात के अंधेरे में कम सक्रिय होता है। इसलिए हमारा दिल सोने का करता है। रात में काम करने से इंसान की रफ़्तार भी धीमी हो जाती है। इससे हमारा ब्लड प्रेशर, ग्लूकोज़ की आमदो-रफ़्तार बढ़ जाते है। ये ही नहीं इससे  हमारा शरीर का प्रतिरोध भी कमज़ोर हो जाता है और  आंत का और ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका भी बढ़ जाती है। तो रात का उल्लु बनने से पहले एक बार विचार जरूर करना वरना घतक बीमारीयों से लड़ने को तैयार रहना।