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दिल टूट जाने की वजह से करते हैं लोग आत्महत्या

 

जयपुर। जीवन में कई बार ऐसे पल भी आते हैं जब इंसान पूरी तरह से निराश होकर हार मान लेता है। इसके बाद उसे अपनी जान लेने में तनिक भी हिचकिचाहट नहीं होती है। आए दिन अखबार में आत्महत्या की खबरे आती रहती हैं। दरअसल मनोचिकित्सकों ने हाल ही में एक अध्ययन से यह पता लगाया है कि देश में परीक्षाओं के तनाव के बाद खुदकुशी करने का दूसरा सबसे बड़ा कारण दिल का टूटना होता है।

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जी हां, प्रेम प्रसंग में अक्सर असफल होने के बाद हारे हुए आशिक अपनी इहलीला समाप्त करने की कोशिश करते हैं। हर साल इस तरह के कई मामले देश भर के अभिभावकों को तनाव ग्रस्त कर देते हैं। विशेषज्ञों की माने तो मानसिक अवसाद की अंतिम अवस्था आत्महत्या ही होती है। गौरतलब है कि मशहूर अभिनेत्री दीपिका पादुकोण भी एक दौर में अवसादग्रस्त थी। मगर उन्होंने अपनी विल पावर से वापसी कर ली।  

जी हां, दोस्तों इस तरह के मामलों में सारा खेल केवल युवाओ की दृढ़ इच्छा शक्ति का ही होता है। आंकड़ों की माने तो देश में हर साल करीब 1.35 लाख से भी ज्यादा लोग आत्महत्या करके हार मान लेते हैं। शोध से पता चला है कि इनमें से लगभग 20,000 लोग तो केवल दिल टूटने की वजह से खुद की जान ले लेते हैं। बता दे कि दर्दनाक दौर से गुजरने के दौरान मनुष्य के दिलों दिमाग पर काफी निगेटिव असर पड़ता है।

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गौरतलब है कि अक्सर प्यार में दिल टूट जाने पर उस बंदे को हर तरफ से ताने ही झेलने पड़ते हैं। कोई भी उसके दिल के दर्द को समझना ही नहीं चाहता है। आखिरकार वह थक हारकर अपनी ही जान ले लेता है। मगर इसका इलाज बातचीत और काउंसलिंग से किया जा सकता है। युवावस्था में हुए प्यार और फिर उसे खोने के  एहसास को लोगों को समझकर इसका इलाज करना चाहिए।