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मैक्सवेल ने की एक दानव परिकल्पना, जानिये इसका सच

 

जयपुर। जैसा की हम जानते है कि वैज्ञानिक तथा दार्शनिक हमेशा से ही नये विचारों रखते हैं जिनमें से बहुत ही रोचक और अजूबे की तरह होते है और कई ऐसे भी होते है जिन पर यकिन करना बहुत ही मुशिकल होता है। इस बात को तो आप भी जानते होंगे की ये लोग सदियों से कई तरह के वैचारिक प्रयोग करते रहे हैं। ऐसा ही एक प्रयोग नकारात्मक ऊर्जा के अस्तित्व को लेकर होता रहा है। जैसा की आपको भी पता है कि महान वैज्ञानिक मैक्सवेल ने उष्मागतिकी का सिद्दांत दिया था, इसको लॉ ऑफ एंट्रोपी भी कहते है।

बता दे कि इस नियम के अनुसार किसी भी व्यवस्था का अस्तित्व बनाये रखने के लिये ऊर्जा का आदान प्रदान बेहद ज़रूरी होता है। इनके मुताबिक अगर ऊर्जा गति नहीं करेगी तो वह वस्तु विकारग्रस्त हो जायेगी। लेकिन इसी तरह से मैक्सवेल ने एक दानव की परिकल्पना की थी, जो कि वस्तुओं की आण्विक संरचना को बदलने में सक्षम होता है। आपको बता दे कि शोधकर्ताओं ने इसे अंदरुनी डर को एक वास्तविक जीव की तरह बनाने की प्रक्रिया बताया है। इसका एक उदाहरण देते हुए आपको बताते है कि

जैसे आपके पास एक गर्म पानी से भरा प्याला रखा हुआ है तो आसपास कोई भी दानव या निगेटिव एनर्जी मौजूद है तो वह पानी के अणुओं को तोड़ने का प्रयास करेगा, इस कारम से पानी बहुत देर तक गर्म ही रहेगा। आपको इस बात बहुत ही कम फील हो सकता है लेकिन इनके अनुसार ऐसा होता है। लेकिन इन्होंने ये बताया कि यह दानव मैक्सवेल के एंट्रोपी नियम को नहीं तोड़ सकता है क्योंकि उसको ये काम करने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा की खपत चाहिये होती है। कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार यह मैक्सवेल की कोरी एक कल्पना थी।