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कंप्यूटर की तरह हमारे दिमाग में भी डिलीट का बटन होता है

 

जयपुर। कायनात में इंसानी दिमाग से बेहतर कोई चीज नही है। यह बात कई बार साबित हो चुकी है। लेकिन क्या आप जानते है कि हमारे दिमाग में किसी कंप्यूटर की तरह डिलीट करने का बटन होता है। इसकी मदद से हमारा दिमाग समय समय पर कम काम आने वाली अनुपयोगी सूचनाओं को डिलीट करता रहता है।

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जी हां, न्यूरोसाइंस की माने तो मस्तिष्क में एक खास किस्म का न्यूरो सर्किट होता है, जिसे आप डिलीट बटन का दर्जा दे सकते हैं। इसकी मदद से अक्सर रात के समय हमारा दिमाग बेकार पुरान यादों को हटाता जाता है। इसी वजह से हम कई सालों तक अपने दिमाग को इतनी बेहतरी से चला पाते हैं। वैसे हमारा दिमाग जितना ज्यादा जिस चीज का अभ्यास करता है, उसमें उतना ही दक्ष होता जाता है।

यह दिमागी परिपथ जब किसी चीज को सीखते है तब बहुत सक्रिय हो जाता है। ठीक उसी तरह जब कोई सूचना बहुत टाइम तक इस्तेमाल नहीं होने पर इसकी शिकार बन जाती है। मजेदार बात यह है कि अगर आपने इस स्विच को कंट्रोल करना सीख लिया तो आप अपनी बुरी से बुरी यादों से पल भर में छुटकारा पाकर गिल्ट और अपराध बोध जैसी दीर्घकालिक संवेदनाओं से बच सकते हैं।

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इन्हें अन्तर्ग्रथनी कनेक्शन भी कहा जाता है। यही ग्लियल कोशिकाएं (Glial cells) आपके मस्तिष्क से बेकार सूचनाओं की छंटनी करती रहती हैं। जब आप सोते है तब ये न्यूरॉन्स आपके दिमाग से बेकार पड़ी सूचऩाओं को हटाने का काम बड़ी तेजी से करती हैं। हमारे मस्तिष्क को भी शोधन की आवश्यकता होती है। इसीलिए जब भी कुछ सोचे तो उसके बारे में सचेत रहे कि वह सही सोच हो। गलत सोच आपके दिमाग को नोच सकती हैं।