×

जानिए कैसे समय के साथ रेस के घोड़ों की Speed बढ़ती गई?

 

ऐसे कई प्रमाण हमारे पास हैं कि रेस में दौड़ने वाले घोड़े ओट्स की जगह कई ऐसी बार या ऐसी चीजें खाते हैं जिससे उनमें पावर बढ़ती है। और शोधकर्ताओं का कहना है कि वे अब काफी तेज हो चुके हैं। जबकि वैज्ञानिकों और रेसिंग उद्योगों ने इस समझौते में प्रतीत होता है कि घोड़ों की स्पीड अब स्थिर हो चुकी है। हालांकि American Pharoah बहुत अच्छा है।

पिछली अनुसंधान ने केवल मध्य और लंबी दूरी की कुलीन वर्गों की छोटी संख्या के विजेता समय का विश्लेषण किया। नए शोध में जमीन के मुलायम होने के फेक्टर को भी इसमें शामिल किया गया। शोधकर्ताओं ने रेसिंग रिकॉर्ड के एक डेटा सेट पर ध्यान केंद्रित किया।

उन्होंने 70,388 घोड़ों द्वारा चलाए गए 616,084 रेस समय के पूर्ण डाटा के बारे में पता लगाया। सेट से पता चलता है कि दौड़ जीतने वाली गति वास्तव में 1850 से बढ़ रही है, और छोटी दूरी की दौड़ में बढ़ोतरी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।

प्रदर्शन में सुधार चल रहे हैं, जैसा कि 1997 से 2012 के आंकड़ों के मुताबिक साबित हुआ है। वजन के बढ़ने के साथ भी ये बढ़ोतरी देखी गई है। साथ ही, साइंस डेली ने लिखा है कि विशेष रूप से इलाइट वर्ग के स्तर पर, स्प्रींटर्स की गति में बढ़ोतरी डेटा में देखी जा सकती है।

शोधकर्ताओं के पास कुछ सिद्धांत हैं: मध्यम और लंबी दूरी पर गति में समकालीन सुधार की धीमी दर ये बता सकती है कि घोड़ों ने इन दूरियों पर एक प्रदर्शन सीमा तक पहुंच रहे हैं। वैकल्पिक रूप से, इसका मतलब यह हो सकता है कि सभी धीरज के बजाय स्पीड को ही महत्व देते हैं।

यहां कुछ और रोचक बिट हैं: 1900 के दशक में, 1 975 से 1990 के शुरुआती दिनों तक हालात में तेजी से सुधार हुआ। पहले सुधार शायद इसलिए हो सकता था क्योंकि जॉकी कम-से-कम रकाब के साथ झुकने लगे और सवार हो गए। साथ ही घोड़ों का प्रजनन  व्यवसायिक करण भी सामने आया जिससे इनकी स्पीड़ भी बढ़ी।

विज्ञान खबरों के लेटेस्ट जानकारी पाएं हमारे FB पेज पे.

अभी LIKE करें – समाचार नामा 

बवैज्ञानिकों ने खोज निकाला है ऐसा तरीका जिससे बिना किसी एंटीबायोटिक के खत्म किया जा सकता है बैक्टीरिया, जानिए कैसे ?

वैज्ञानिकों को मिले ऐसे डायनासोर के जीवाश्म जो समुद्र में तैर भी सकते थे !

वैज्ञानिकों को मिली पौधों की दो नई प्रजातियां, जानिए इनके बारे में!

जानिए कैसे मछली की ये प्रजाति जलवायु परिवर्तन के कारण प्रभावित हो रही है?

जब एक साथ 400 मधुमक्खियां मरी हुई मिली, जानिए क्या था इसके पीछे का कारण?

फंगस के कारण खतरे में पड़ सकती है छिपकली की ये प्रजाति!