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तो इस बला का नाम है निपाह वायरस, क्या है और कैसे फैलता है सब जान लीजिए?

 

जयपुर। पिछले कुछ महीनों में सारी दुनिया में एक खतरनाक वायरस ने तबाही मचा रखी है। जी हां, हम बात कर रहे हैं घातक और जानलेवा निपाह वायरस की जो कि इन दिनों एक खतरनाक संक्रामक बीमारी के रूप में उभरा है। इसकी वजह से अब तक कई लोग मौत की नींद सो चुके हैं। दरअसल यह विषाणु इंसानों और जानवरों दोनों में समान रूप से फैल रहा हैं। तो चलिए जानते हैं इस घातक वायरस के बारे में।

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निपाह वायरस मुख्यतया चमगादड़ से फैलता है। इसके इतिहास की बात करे तो सेंटर फ़ॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention, CDC) के मुताबिक यह वायरस सबसे पहले दुनिया में  1998 में मलेशिया के कम्पंग सुंगाई निपाह नामक व्यक्ति को पता चला था। इसी वजह से इसका नाम निपाह वायरस रखा गया। दरअसल उस समय कुछ किसानों को सूअरों की वजह से दिमागी बुखार हो गया था।

बाद में यही बीमारी उनकी मौत का कारण बनी। जांच में पता चला कि यह दिमागी बुखार संक्रमित सूअर और चमगादड़ों की वजह से फैलता हैं। 1999 में सिंगापुर में भी इसके कई मामले सामने आए थे। यह वायरस सबस पहले सुअर, चमगादड़ जैसे जीवों को प्रभावित करता है। बाद में उनके संपर्क में आने वाली हर चीज मे फैल जाता है। बांग्लादेश और भारत के यह रोग पिछले कुछ महीनों में हजारों लोगों की जान ले चुका हैं।

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ज्यादातर संक्रमण खजूर में हुआ था। क्योंकि पेड़ पर लटकते हुए चमगादड़ अक्सर खजूर को संक्रमति कर देते हैं। बाद में यही खजूर बाजार में इस निपाह वायरस को फैलाने का काम करता है। जिन भी फलदार पेड़ों पे चमगादड़ उल्टे लटकते हैं, उनमें निपाह वायरस फैल जाता हैं। बाद में यही वायरस उन फलों के जरिए व्यक्तियों में फैल जाता है। बता दे कि निपाह वायरस का इंफ़ेक्शन इंसेफेलाइटिस से संबंधित है। यही वजह है कि इससे दिमागी बुखार बहुत तेज बढ़ जाता है।