क्या सच में होती है आत्मा या फिर शरीर में मौजूद है सिर्फ प्राणवायु? इस नई वैज्ञानिक खोज ने मचा दी दुनिया में सनसनी
क्या आप जानते हैं कि सभी जीवित चीजें – पौधे, जानवर और यहाँ तक कि इंसान भी – एक बहुत हल्की, अदृश्य चमक छोड़ते हैं? यह चमक इतनी कमजोर होती है कि यह नंगी आँखों से दिखाई नहीं देती, लेकिन 2025 में, कनाडा की कैलगरी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने खास कैमरों का इस्तेमाल करके पहली बार इसे साफ तौर पर देखा और इसकी तस्वीरें लीं। इस खोज से दुनिया भर में सनसनी फैल गई है। कुछ लोग इस रोशनी को आत्मा, शरीर को शक्ति देने वाली ऊर्जा, या जीवन शक्ति कह रहे हैं। लेकिन सच्चाई कुछ और है।
यह चमक क्या है?
इस चमक को बायोफोटोन या अल्ट्रा-वीक फोटोन एमिशन (UPE) कहा जाता है। यह कोई जादू या आत्मा की रोशनी नहीं है, बल्कि जीवित कोशिकाओं में होने वाली सामान्य रासायनिक प्रतिक्रियाओं का नतीजा है। कोशिकाओं में ऊर्जा बनने (मेटाबॉलिज्म) के दौरान, कुछ मॉलिक्यूल (जैसे माइटोकॉन्ड्रिया में) इलेक्ट्रॉनों को उत्तेजित करते हैं। जब ये इलेक्ट्रॉन अपनी सामान्य स्थिति में लौटते हैं, तो वे रोशनी के बहुत हल्के कण (फोटोन) छोड़ते हैं। यह रोशनी इतनी कमजोर होती है कि प्रति वर्ग सेंटीमीटर प्रति सेकंड केवल 10 से 1000 फोटोन निकलते हैं – जो सामान्य रोशनी से लाखों गुना कम है।
रिसर्च क्या कहती है?
कैलगरी यूनिवर्सिटी में फिजिसिस्ट डैनियल ओब्लाक के नेतृत्व वाली टीम ने यह स्टडी की:
1. बिना बालों वाले चूहों का इस्तेमाल किया गया (ताकि बाल रोशनी को न रोकें)।
चार जीवित चूहों को पूरी तरह से अंधेरे कमरे में रखा गया।
एक खास क्वांटम कैमरे (EMCCD कैमरा) का इस्तेमाल करके 1-2 घंटे तक तस्वीरें ली गईं।
ये कैमरे एक सिंगल फोटोन को भी कैप्चर कर सकते हैं।
चूहों के पूरे शरीर से एक हल्की चमक देखी गई।
फिर चूहों को बिना दर्द के मार दिया गया और फिर से तस्वीरें ली गईं – चमक जल्दी गायब हो गई।
2. पौधों पर भी प्रयोग किए गए: एक ड्वार्फ अम्ब्रेला ट्री (हेप्टाप्लेउरम आर्बोरिकोला) के पत्तों से चमक निकल रही थी। जब पत्तों को चोट लगी या गर्म किया गया (तनाव दिया गया), तो चमक तेज हो गई। यह पता चला कि तनाव या चोट के दौरान यह चमक तेज हो जाती है। पहले, यह चमक केवल कोशिकाओं या शरीर के छोटे हिस्सों में देखी गई थी, लेकिन यह पहली बार है जब इसे पूरे शरीर में देखा गया है।
यह चमक क्यों मायने रखती है?
यह जीवन से जुड़ी है: जब तक जीव जीवित रहता है, चमक बनी रहती है और मरने पर गायब हो जाती है। यह साबित करता है कि यह मेटाबॉलिज्म (वह प्रक्रिया जिससे कोशिकाएं ऊर्जा बनाती हैं) से जुड़ी है। कोई रहस्यवाद नहीं: कुछ लोग इसे आभा या आत्मा की रोशनी कहते हैं, लेकिन वैज्ञानिक कहते हैं कि यह पूरी तरह से एक फिजिकल और बायोकेमिकल प्रोसेस है।
भविष्य के फायदे
खेती में: बीजों की चमक यह बता सकती है कि वे अंकुरित होंगे या नहीं – बिना उन्हें छुए।
दवा के क्षेत्र में: बिना सर्जरी के टिशूज़ के स्वास्थ्य या चोट का पता लगाना।
फसलों या जंगलों के स्वास्थ्य की जांच करना।
यह खोज दिखाती है कि जीवन कितना अद्भुत है – हम सब अंदर से थोड़ा चमकते हैं। लेकिन यह कोई चमत्कार नहीं है, बल्कि विज्ञान है। आगे की रिसर्च से स्वास्थ्य और खेती में इसका इस्तेमाल हो सकता है। वैज्ञानिक डेनियल ओब्लाक कहते हैं कि यह जीवन का एक नया इंडिकेटर हो सकता है।