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गर डायबिटीज से कायम करनी है दूरी, तो अखरोट से कर लीजिए यारी

 

जयपुर। इन दिनों जैसे जैसे तकनीकी तरक्की बढ़ती जा रही है, वैसे वैसे इंसान का शरीर बीमारियों का घर बनता जा रहा है। ऐसे में मधुमेह या डायबिटीज जैसी बीमारी ने तो दुनिया की आधी आबादी को अपनी गिरफ्त में जकड़ रखा है। मगर क्या आप जानते है कि एंटीऑक्‍सीडेंट से भरपूर अखरोट खाने से टाइप-2 डायबिटीज के होने का खतरा करीब आधा कम हो जाता है। जी हां, अगर आपको भी शुगर वाली बीमारी है तो आज से ही अखरोट तोड़ने की तैयारी शुरू कर दीजिए।

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दरअसल हाल ही में किए गए एक शोध से यह पता चला है कि अखरोट में इंसुलिन की कमी को पूरा करने की नायाब कुव्वत पाई जाती है। तो अगर मधुमेह रोगियों को रोजाना खाने में अखरोट भी दी जाए तो उनका शुगर लेवल कुछ ही दिनों में लेवल पर आने लगेगा। अध्ययन से यह बात सामने आई है कि अखरोट नहीं खाने वाले शुगर के मरीजों में अखरोट खाने वाले मरीजो की तुलना में खतरा दुगुना हो जाता है। तकरीबन 34 हजार लोगों पर किए गए इस अनोखे रिसर्च में यह सनसनीखेज दावा किया गया है।

अध्‍ययन के नतीजे बताते है कि प्रतिदिन 3 टेबल चम्मच अखरोट खाया जाए तो उसकी वजह से डायबिटीज होने का खतरा लगभग 47 फीसदी तक कम हो जाता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया के शोधकर्ताओं ने यह अनोखा रिसर्च किया है। इससे कई डायबिटीज रोगियो को फिर से जीने की उम्मीद मिली हैं। अखरोट पर किए गए एक दूसरे शोध में यह भी पता चला है कि अखरोट खाने से दिल की बीमारियों में भी राहत मिलती हैं।

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दरअसल अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड, पॉलिसैचुरेटिड फैट और अल्‍फा लाइनोलेनिक एसिड काफी भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। इन्हीं गुणकारी तत्वों की वजह से अखरोट मधुमेह रोगी के लिए संजीवनी का काम करता है। हालांकि अखरोट तोड़ने के लिए आपके दांत मजबूत होने चाहिए, पर यह काम तो हथौड़े से भी किया जा सकता है, पर पहले मधुमेह तो ठीक हो जाए।