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इन चुनौतियों के कारण सिलिकॉन से जीवन नहीं हो सकता है संभव

 

जयपुर। वैज्ञानिक मान रहे है कि कार्बन की जगह सिलिकान से भी जीवन हो सकता है। लेकिन इसके सामने चार महत्वपूर्ण चुनौतियाँ है सबसे पहली यह कि सिलिकोन पदार्थ 400 °C पर टूटना शुरु कर देते है। लेकिन यह कार्बन रसायनो के 200 °C से थोड़ा ही अधिक है। तो सिलिकोन पदार्थो की कार्बन आधारित पदार्थो पर अधिक तापमान पर स्थाईत्व की क्षमता का अधिक लाभ नही देता है। दूसरी यह है कि पृथ्वी के वातावरण मे सिलिकोन प्राकृतिक रूप से पाये नही जाते है।

 वे मानव निर्मित पादार्थ है। इससे इसके प्राकृतिक रूप से निर्मित होकर किसी ग्रह पर जीवन आरंभ के लिये संभावना कम हो जाती है। सिलिकोन अणुओं मे कार्बन समूह आवश्यक महत्वपूर्ण होता है इसके बगैर यह नहीं बन सकता है। लेकिन कार्बन समूह सिलिकान की बजाये अन्य कार्बन समूहों से जुड़ना पसंद करेंगे इसका कारण है कि वे तुलनात्मक रूप से अधिक स्थाई होते है। इस तरह की अप्रत्याशित प्रतिक्रिया सिलिकोन आधारित जीवन के लिये गंभीर चुनौती सामने आ रही है

तो इसके साथ अगर किसी  जीवन की बात करते है तो असंभव सा नजर आता है। और इसकी सबसे बड़ी समस्या है कि यह सिलिकोन जलरोधी है। जल की उपस्थिति में यह स्थाई नहीं रहता है तो सारी बातों का एक ही मतलब निकलाता है कि जैविक प्रक्रियाओं के लिये विलायक के रूप मे जल का प्रयोग नही हो सकता है। इससे बड़ी समस्या यह है कि इसके अधिक तापमान जिसपर कार्बन पर सिलिकोन बेहतर होता है।  कोई अन्य सार्वत्रिक विलायक उपलब्ध नही होता है।