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क्या आप जानते हैं इसरो का भारत के विकास में योगदान

 

जयपुर | इसरो का पूरा नाम इंडियन स्पेस रिसर्चं आर्गेनाईजेशन है। जोकि भारत की स्पेस एजेंसी है और इसका हेडक्वाटर बैंगलुरु में है। इसरो का मिशन है भारत के विकास के लिए  स्पेस में रिसर्च करना है। इसरो को “डिपार्टमेंट ऑफ़ स्पेस” मैनेज करता है जोकि भारत के प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करता है। इसरो का गठन 1969 में हुआ था। वर्तमान में इसके चेयरमैन डॉ. के. सिवन हैं।

हाल ही में  इसरो ने एक साथ 104 उपग्रहों को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित करके इतिहास रच दिया हैं।इसरो के चेयरमैन के. सिवन के अनुसार, इसरो ने एक नया रिकॉर्ड बनाकर  रूस के 37 उपग्रह एक साथ प्रक्षेपित करने वाले रिकॉर्ड को तौड़ दिया है |इसरो का यह कदम काफी प्रशंसनीय है।अब  दूसरे देशों का इसरो के प्रति  भरोसा बढ़ रहा  है जिसके चलते वे भी इसरो के साथ में काम करना चाहते हैं।

इसरो ने भारत का हौंसला बढ़ाकर उसका दुनियाभर में नाम रोशन किया है।क्योंकि  इसरो दूसरे देशों के सॅटॅलाइट भी लांच कर रहा है | इसरो द्वारा किये गए इस प्रक्षेपण में  अमेरिका, इजरायल, हॉलैंड, यूएई, स्विट्जरलैंड और कजाकिस्तान के सैटेलाइट भी शामिल थे। इसरो द्वारा किया गया यह काम काफी काबिले तारीफ रहा। जो की भारत के विकास के लिए एक अहम कदम है|यह भारत व इसरो की महत्ता को दिखता है।

जैसा की हम देख भी सकते  है की भारत अपने विकास की गति को बढ़ा भी रहा है जिसमे इसरो की इस प्रकार के कामों की वजह से भारत की ये छवि कई देशों को इस पर्तिस्पर्धा में पीछे छोड़ते हुए नज़र आ रही है। इसरो द्वारा बनाया गया यह रिकॉर्ड काफी सराहनीय है जिसकी पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है |इसरो के अनुसार उनके कदम यही नहीं रुकने वाले हैं। इसरो ने अब सबसे भारी और वजनदार रॉकेट भी बनाया है जो लोगों को ले मार्स व चाँद जैसी जगह पर ले जाने में सक्षम है।