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शोध में आयेे सामने डायनासोर भी लगते है टी—रेक्स के रिश्तेदार

 

जयपुर। डायनासोर को एक खतरनाक शिकारी के रूप में जाना जाता है। हाल ही में ही थाईलेंड के सिरिंधोर्न विश्वविद्यालय और बॉर्न विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने मिलकर डायनासोर की दो नई प्र​जाति की खोज की है। इसकी पहचान उन्होंने 30 साल पहले थाईलैंड में खोजे गये एक जीवाश्म की मदद से की है।

खोज के बाद शोधकर्ताओं का कहना है दोनों की प्रजातियों टी—रेक्स की दूर के दूर के रिश्तेदार प्रतित होते है। हालांकि इनके लक्षण कुछ हद तक ही आदिम संरचना के साथ मिलते हैं। जिनके बारे में कहा गया है कि वे कुशल शिकारी थे।

शोधकर्ता इस विषय पर बताते है कि लगभग तीन दशक पहले एक संग्रहालय में कर्मचारियों के द्वारा खुदाई के दौरान यह जीवाश्म हड्डिया दिखाई दी थी। जिसके बाद इन पर रिसर्च किया गया। इसकी खोज को सबसे पहले सिरिंधोर्न विश्वविद्यालय के शोधकर्ता ने की लेकिन ये इस बात की जानकारी जुटाने में पूरी तरह से सफल नही हो सके कि ये जीवाश्म किस जीव के हो सकते है।

इसके बाद इन्होंने बॉर्न विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं सा​थ मिलकर इसकी खोज की इसमें उन्होंने आधु​निक तकनीकों का सहारा लेकर जीवाश्म की कुछ प्रजातियों के साथ इनका विश्लेषण किया गया। बाद में इस बात की जानकारी मिली की ये जीवाश्म डायनासोर की ही एक प्रजाति के है।

जो टाइरानोसोरस रेक्स से काफी हद तक मिल रहे थे। इसके बाद इनकों टी—रेक्स का दूर का रिश्तेदार कहा गया। बताया गया कि टी—रेक्स की ही तरह वो अपने पैरों पर दौड सकते थे। हालांकि उनकी भुजाएं मजबूत और लंबे पंजे थे। हालांकि इनकी लंबाई लगभग 4.5 मीटर बताई गई थी।

हाल ही में हुए एक शोध के बाद इस बात का खुलासा हुआ है कि 30 साल पहले मिले दो जीवाश्म की पहचान कर ली गई है। यह जीवाश्म डायनासोर की एक प्रजाति के बताये गये है, जो टाइरानोसोरस रेक्स प्रजाति से काफी हद तक समान है। इसी कारण इनको टाइरानोसोरस रेक्स का दूर का रिश्तेदार कहा गया है। जिसकी लंबाई लगभग 4.5 मीटर बताई गई है। शोध में आयेे सामने डायनासोर भी लगते है टी—रेक्स के रिश्तेदार