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क्या आकाशगंगा और सौर मंडल के बाहर पदार्थ भिन्न हो सकते है?

 

जयपुर। नासा के अंतरखगोलीय सीमा अन्वेषक यान ने सौर मंडल के कुछ महत्वपूर्ण तत्वों के वितरण मे अद्भुत विषमता की खोज की है। IBEX को 2008 मे सौर मंडल के बाहर खगोलीय माध्यम की जांच के लिये अंतरिक्ष में भेजा गया था। यह यान सौर मंडल मे 52,000 मील/घंटे की रफ्तार से गति करके सौरमंडल में प्रवाहित उदासीन आक्सीजन, नियान तथा हीलीयम की धारा से संबधित अनेक आंकड़े एकत्रित कर रहा है। इस यान ने खगोलिय माध्यम मे आक्सीजन के 74 परमाणु प्रति 20 नियोन परमाणु है,

जबकि यह सौर मंडल मे यह अनुपात 111 आक्सीजन परमाणु प्रति 20 नियान परमाणु है। आपको जानकारी दे दे कि जब सौर मंडल आकाशगंगा मे विचरण करता है तो वह ब्रह्माण्डीय विकिरण से हीलीयोस्फीयर द्वारा सुरक्षित रहता है। बता दे कि यह हीलीयोस्फीयर सूर्य उष्मीय तथा चुंबकीय त्वरण द्वारा उत्सर्जित आवेशित कणो की धारा से बना बुलबुला है और यह बुलबुले सौर मंडल से बाहर से आये आवेशित कणो को सौर मंडल मे प्रवेश करने से रोकता है लेकिन यह बुलबुले उदासीन कण सौर मंडल मे स्वतंत्र रूप से प्रवेश करने की अनुमती देता है

और इन्ही कणो का IBEX  यान मापन करता है। वैज्ञानिक एरीक क्रिश्चीयन के मुताबिक हमारे हीलीयोस्फीयर पर आकाशगंगा के पदार्थ और चुंबकिय क्षेत्र के द्वारा उत्पन्न दबाव का मापन एंव आकाशगंगा में भ्रमण करते सैरमंडल के आकार और आकृति के तय करने में सहायता करता है। इनका परीक्षण करने के बाद वैज्ञानिक बता रहे है कि अब वो आकाशगंगा के पदार्थों का निरीक्षण करके और ज्ञात करने की कोशिश करेगे की क्या सौरमंडल और आकाशगंगा के बाहर पदार्थ अलग है या समान ही है।