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Axiom-4: एक्सिओम-4 मिशन ने अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी, 2​ मिनट के वीडियो में जानें मिशन की बड़ी बातें

 

लंबे इंतजार और एक्सिओम-4 के बार-बार टलने के बाद वह घड़ी आ गई जिसका हर भारतीय को इंतजार था। एक्सिओम मिशन में भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला भी शामिल हैं। इस मिशन के तहत इसका क्रू आज यानी 25 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना होने वाला है। 

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यह मिशन नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से सुबह 2:31 बजे (भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे) उड़ान भरेगा। इस मिशन में स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट और नए ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट का इस्तेमाल किया जाएगा। अगर सब कुछ ठीक रहा तो यह स्पेसक्राफ्ट गुरुवार 26 जून को सुबह 7:00 बजे (भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे) ISS से जुड़ जाएगा। स्पेसएक्स ने अपने आधिकारिक एक्स पोस्ट में कहा, "आज के एक्सिओम-4 मिशन के लिए सभी सिस्टम तैयार हैं और मौसम भी 90 प्रतिशत अनुकूल है।" यह मिशन भारत के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि शुभांशु शुक्ला इस ऐतिहासिक यात्रा का हिस्सा बनने जा रहे हैं।

लॉन्च की पूरी जानकारी क्या है? एक्सिओम-4 मिशन को नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39ए से लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन को स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा, जिसमें चार अंतरिक्ष यात्री होंगे। नया ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट इन यात्रियों को लेकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाएगा। लॉन्च का समय दोपहर 12:01 बजे IST पर सेट किया गया है, और अगर मौसम साथ देता है, तो उड़ान समय पर होगी।

इस मिशन के यात्री कौन हैं?

एक्सिओम मिशन 4 क्या है?

AXIOM-4 मिशन व्यक्तिगत अंतरिक्ष यात्रा के क्षेत्र में एक नया कदम है। यह मिशन NASA, AXIOM स्पेस और SpaceX के बीच साझेदारी का नतीजा है। इस मिशन में शुभांशु शुक्ला जैसे अंतरिक्ष यात्री का होना भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ेगा। Axiom-4 मिशन अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए एक निजी अंतरिक्ष यात्री मिशन है और यह भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए मानव अंतरिक्ष यान में "वापसी" को चिह्नित करेगा, क्योंकि इन तीनों देशों की 40 से अधिक वर्षों में पहली सरकारी प्रायोजित उड़ान होगी। Axiom के अनुसार, यह मिशन इन देशों का दूसरा मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान मिशन होगा, लेकिन यह पहली बार होगा कि ये तीनों देश ISS पर एक साथ कोई मिशन पूरा करेंगे। इस मिशन का उद्देश्य 31 देशों की ओर से लगभग 60 वैज्ञानिक अध्ययनों और गतिविधियों को निर्देशित करना है। ये देश हैं भारत, अमेरिका, पोलैंड, हंगरी, सऊदी अरब, ब्राजील, नाइजीरिया, संयुक्त अरब अमीरात और यूरोप।