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हबल दूरबीन का 25 बरस के सफर कुछ दिलचस्प बातें

 

जयपुर। हबल दूरबीन को हम सब जानते है। यह ब्रह्मांड में झांक कर कई चीज़ों का खुलासा करती है और मानवों को उसके बारे में जानकारी देती है। इसने अब तक अपने जीवन के पच्चीस वर्ष पूरे कर लिये है। इस दूरबीन ने खगोल विज्ञान में क्रांतिकारी परिवर्तन ला दिया था जब इसको अंतरिक्ष में उतारा गया था। इसने लोगों की ब्रह्मांड के बारे में समझ को ही बदल दिया था। आपको बता दे कि सृष्टि के आरंभ और उम्र के बारे में हबल ने अनेक तथ्यों से इंसानों को अवगत कराया है।

मानवों ने इसको केवल ब्रह्मांड की उम्र के बारे में सबूत जुटाने के लिए इजात किया था। शायद आपको इस बात का ज्ञात नहीं होगा की हबल के सहारे 7000 प्रकाश वर्ष दूर ऊर्जाहीन अवस्था की ओर बढ़ते प्राचीनतम माने जाने वाले तारों के एक समूह को खोज निकाला था। खगोलियविदों ने इन तारों के बुझे जाने की रफ़्तार के आधार पर ब्रह्मांड की उम्र का आंकलन किया है। इसने सुदूरवर्ती अंतरिक्षीय पिंडों के हज़ारों आकर्षक नजारे मानवों से वाकिफ कराये हैं।

आपको बता दे कि हबल अंतरिक्ष दूरदर्शी वास्तव में एक खगोलीय दूरदर्शी है जो अंतरिक्ष में कृत्रिम उपग्रह के रूप में स्थित है। इसके जन्म के बारे में आपको जानकारी दे दे कि इसे 25 अप्रैल सन् 1990 में अमेरिकी अंतरिक्ष यान डिस्कवरी की मदद से इसकी कक्षा में स्थापित किया गया था। और इस हबल दूरदर्शी को नासा  ने यूरोपियन अंतरिक्ष एजेंसी के सहयोग से तैयार किया था। इसका खास बात तो यहा कि अमेरिकी खगोलविज्ञानी  एडविन पोंवेल हबल  के नाम पर इसका हबल  नाम रखा गया था।