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"बिहार में वोटबंदी...' संसद सत्र के बीच इमरान प्रतापगढ़ी के बयान से मचा सियासी तूफान, वीडियो में देखे विपक्ष का पलटवार  

 

संसद के मानसून सत्र के दौरान एक अहम राजनीतिक बयान ने सभी का ध्यान खींचा है। राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी ने बिहार में वोटबंदी को लेकर जो टिप्पणी की है, वह न सिर्फ सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गई है, बल्कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले गठबंधन और अल्पसंख्यक राजनीति के समीकरणों को भी प्रभावित कर सकती है।

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/JcJG4kojcvs?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/JcJG4kojcvs/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title="बिहार वोटबंदी पर ये क्या बोल गए इमरान प्रतापगढ़ी | Bihar Election 2025 | Parliament Mansoon Session" width="1250">

वोटबंदी पर प्रतापगढ़ी का बयान
संसद भवन के बाहर मीडिया से बातचीत में इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा,"बिहार में वोटबंदी के नाम पर अल्पसंख्यक समुदाय को साइलेंट किया जा रहा है। ये लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत हैं। वोट डालना हमारा संवैधानिक अधिकार है, उसे कोई ताकत नहीं छीन सकती।"उनका इशारा हाल ही में बिहार के कुछ इलाकों में अल्पसंख्यक और दलित बहुल क्षेत्रों में कथित रूप से प्रशासनिक दबाव या चुनावी प्रक्रियाओं में छेड़छाड़ के आरोपों की ओर था। उन्होंने बिना किसी पार्टी का नाम लिए कहा कि कुछ ताकतें जानबूझकर वोट बैंक को निष्क्रिय करने की रणनीति पर काम कर रही हैं।

बिहार चुनाव 2025 की आहट
बिहार में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल पहले से ही तेज है। नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर है। वहीं, कांग्रेस, राजद और अन्य दल महागठबंधन को फिर से मजबूती देने की कवायद में जुटे हैं।प्रतापगढ़ी के इस बयान को 'मुस्लिम वोट बैंक' को एक्टिव करने की एक रणनीति भी माना जा रहा है। जानकारों का मानना है कि यह बयान न सिर्फ कांग्रेस की तरफ से अल्पसंख्यकों को यह संदेश देने के लिए है कि वे उनके हितैषी हैं, बल्कि RJD-जैसे दलों पर भी नैतिक दबाव डालने का एक प्रयास है।

मानसून सत्र में गरमाई सियासत
संसद का मानसून सत्र पहले ही पेगासस, मणिपुर हिंसा, बेरोजगारी, महंगाई और EVM से जुड़ी बहसों को लेकर हंगामेदार बना हुआ है। इसी बीच प्रतापगढ़ी का बयान संसद के बाहर भी नई बहस को जन्म दे गया है। उन्होंने आगे कहा,"अगर लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत यानी वोट को ही रोकने की कोशिश होगी, तो हम सड़क से संसद तक आवाज उठाएंगे। देश संविधान से चलेगा, किसी के इशारे से नहीं।"

बीजेपी का पलटवार
भाजपा नेताओं ने प्रतापगढ़ी के इस बयान को सिरे से खारिज किया। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि,"ये एक झूठा और भ्रामक नैरेटिव है। बिहार में चुनाव पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ होते हैं। कांग्रेस को अल्पसंख्यकों के नाम पर राजनीति बंद करनी चाहिए।"