SIR रिपोर्ट पर संसद में मचा घमासान! महुआ मोइत्रा का अमित शाह पर सीधा हमला, कर डाली इस्तीफे की मांग
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने बिहार में 56 लाख अवैध मतदाता कैसे आए, इस पर सवाल उठाते हुए गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने बिहार में चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर तीखा हमला बोला है। तृणमूल सांसद ने कहा है कि सीमा संबंधी मामला केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आता है, इसलिए अगर 56 लाख अवैध घुसपैठिए आए हैं, तो गृह मंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। बता दें कि एसआईआर के मुद्दे पर संसद का मानसून सत्र ठीक से नहीं चल रहा है और विपक्ष सदन के अंदर और बाहर हंगामा कर रहा है।
'गृह मंत्री इस्तीफा दें'
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा, 'अगर केंद्र सरकार को लगता है कि 56 लाख लोग बिहार में घुसपैठ कर आए हैं, तो गृह मंत्रालय क्या कर रहा था? यह गृह मंत्री की जिम्मेदारी है और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।' मोइत्रा ने एएनआई से कहा, 'भारत के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। चुनाव आयोग, जो एक संवैधानिक संस्था है, भाजपा की एक शाखा के रूप में काम कर रहा है।' मुख्य चुनाव आयुक्त भाजपा प्रवक्ता की तरह बोलते हैं... 24 घंटे में लापता मतदाताओं की संख्या 11,000 से बढ़कर 1 लाख से ज़्यादा हो गई।
56 लाख 'लापता' मतदाताओं पर विवाद
दरअसल, चुनाव आयोग (ECI) को बिहार में चल रही SIR प्रक्रिया में कुछ अजीबोगरीब बातें मिली हैं। गुरुवार को आयोग ने बताया कि बिहार में लगभग एक लाख मतदाता 'लापता' हैं। यानी उनका कोई अता-पता नहीं चल रहा है। इसके साथ ही, लगभग 55 लाख मतदाताओं के बारे में खबर है कि या तो उनकी मृत्यु हो गई है, या वे हमेशा के लिए कहीं और चले गए हैं, या उनका नाम एक से ज़्यादा जगहों पर दर्ज है।
नया ड्राफ्ट 1 अगस्त को जारी होगा
इस तरह कुल 56 लाख ऐसे नाम हैं, जो मतदाता सूची में गलत तरीके से दर्ज हैं। यह संख्या बिहार के कुल मतदाताओं का 7% है। 24 जून, 2025 तक बिहार में कुल 7.9 करोड़ मतदाता थे। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि इन गलत नामों की वजह से आगामी चुनावों में फ़र्ज़ी मतदान का ख़तरा बढ़ सकता है। अधिकारी ने यह भी बताया कि ये एक लाख 'लापता' मतदाता अवैध प्रवासी हो सकते हैं। उन्होंने बिहार में ग़लत तरीक़े से या मतदाता सूची तैयार करते समय उचित सत्यापन न होने के कारण अपना नाम दर्ज करवा लिया होगा। अब ये सभी 56 लाख ग़लत नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएँगे। मतदाता सूची का नया मसौदा 1 अगस्त को जारी किया जाएगा। इससे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहेगी।