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"राहुल गांधी अब देश का एजेंडा हैं..." अशोक गहलोत के बयान से कांग्रेस में नई ऊर्जा विपक्ष की राजनीति में बढ़ी हलचल, देखिये वायरल वीडियो 

 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर बड़ा बयान देते हुए राहुल गांधी को भारतीय राजनीति के केंद्र में बताया है। उन्होंने कहा कि "राहुल गांधी अब देश का एजेंडा बन गए हैं। उनकी सोच, उनके मुद्दे और उनकी यात्रा आज देश की दिशा तय कर रही है।" गहलोत का यह बयान ऐसे समय आया है जब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और लोकसभा में उनकी सक्रियता लगातार चर्चा में है। गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी द्वारा उठाए गए मुद्दे, जैसे बेरोजगारी, महंगाई, सामाजिक न्याय और संविधान की रक्षा - अब वही मुद्दे हर राजनीतिक दल की रणनीति का हिस्सा बन रहे हैं। 

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/g4tH2K8s9o0?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/g4tH2K8s9o0/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title="“राहुल गांधी देश का एजेंडा बन चुके हैं” | Ashok Gehlot का बड़ा बयान | Caste Census & 75 Years Debate" width="1250">
अशोक गहलोत ने कहा, "राहुल गांधी अब सिर्फ़ कांग्रेस पार्टी का चेहरा नहीं, बल्कि देश की जनता की आवाज़ बन गए हैं। भाजपा भले ही उन पर निशाना साधती हो, लेकिन अब वह भी उनके तय एजेंडे पर काम कर रही है। यह राहुल गांधी की सबसे बड़ी राजनीतिक जीत है।" उन्होंने यह भी कहा कि जब राहुल गांधी ने संसद में अडानी मुद्दे पर सवाल उठाए, तो सरकार जवाब देने से बचती रही। लेकिन इसी बहस ने देश भर में आर्थिक और सत्ता के गठजोड़ पर एक गंभीर चर्चा शुरू कर दी।

गहलोत ने यह भी कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने न केवल पार्टी को, बल्कि देश के राजनीतिक माहौल को भी एक नई चेतना दी। गहलोत ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, "उन्होंने नफरत के खिलाफ प्यार का संदेश दिया। आज, जो भी नेता जनता के बीच जा रहा है, उसे राहुल गांधी जैसी पदयात्रा करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।"

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि गहलोत का यह बयान कांग्रेस की उस रणनीतिक रणनीति को और मज़बूत करने की कोशिश है, जिसके तहत पार्टी 2029 या उससे पहले होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए राहुल गांधी को स्पष्ट रूप से आगे रखना चाहती है।गहलोत का यह बयान ऐसे समय आया है जब संसद का मानसून सत्र नज़दीक है और विपक्षी एकता पर भी चर्चा तेज़ हो गई है। साफ़ है कि कांग्रेस अब राहुल गांधी को मुद्दे के तौर पर नहीं, बल्कि "एजेंडे" के तौर पर स्थापित करने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रही है।