लोकसभा में गरमाई सियासत! NDA के आरोपों पर विपक्ष ने साधा मौन, संसद हमले पर जमकर हुई बयानबाजी
एक तरफ केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह ने कुख्यात आतंकवादी मौलाना मसूद अजहर साहब और आतंकियों को शहीद बताया। वहीं दूसरी तरफ, बिहार के समस्तीपुर से लोजपा (रामविलास) सांसद शांभवी चौधरी लोकसभा में बोलते हुए आतंकवादी हमलों का घटनाक्रम भूल गईं। वह यह भी भूल गईं कि कौन सा हमला किस सरकार के कार्यकाल में हुआ था। यह हम नहीं कह रहे, बल्कि उन्होंने खुद संसद में ऐसा ही बयान दिया है।
समस्तीपुर सांसद शांभवी चौधरी एनडीए सरकार की ओर से ऑपरेशन सिंदूर पर बोल रही थीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि '2001... 2001, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर पर हमला हुआ और ये लोग (कांग्रेस) चुप रहे।' इस तरह शांभवी चौधरी ने 2001 के संसद हमले के लिए कांग्रेस सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया, लेकिन बड़ी बात यह है कि उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार नहीं थी।
2001 के संसद हमले के लिए कांग्रेस ज़िम्मेदार!
लोजपा (रामविलास) सांसद शांभवी चौधरी के इस बयान पर बिहार कांग्रेस ने तंज कसा है। बिहार कांग्रेस ने लोकसभा में शांभवी चौधरी द्वारा की गई इस टिप्पणी का वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है कि 'ओह! स्क्रिप्ट फिर से गड़बड़ा गई... अब कोई रीटेक नहीं होगा। आरएसएस कोटे वाली सांसद भूल गईं कि 2001 में संसद हमले के समय भाजपा की सरकार थी!'
उधर, मोदी-नीतीश के मंत्री ललन सिंह भी गड़बड़ा गए!
शांभवी चौधरी के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और राजीव रंजन सिंह भी ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए फिसल गए और कुख्यात आतंकवादी को 'साहब' कह दिया। ललन सिंह ने कहा कि 'उस (ऑपरेशन सिंदूर) में सैकड़ों आतंकवादी मारे गए, शहीद हुए। आपने टीवी पर देखा होगा, कई लोग जो आतंकवादियों के आका थे, वो चिल्ला रहे थे, मसूद अज़हर साहब।'
दो सांसदों के बयान और भाजपा बैकफुट पर!
ललन सिंह और शांभवी चौधरी के बयानों के बाद बीजेपी बैकफुट पर नज़र आ रही है। अभी तक पार्टी की ओर से इस बारे में कोई बयान नहीं आया है। यह अलग बात है कि बिहार के इन दोनों सांसदों के बयानों ने विपक्ष को चुनाव से पहले बिना किसी प्रयास के एक मुद्दा दे दिया है।