अब जनता नहीं चुनती सरकार, सरकार चुन रही है वोटर? बिहार में वोटर लिस्ट घोटाले पर भड़के तेजस्वी यादव
बिहार में मतदाता सूची से 52 लाख नाम हटने को लेकर राजनीतिक भूचाल मच गया है. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग और केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने इस प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं.समाचार एजेंसी ANI को दिए एक साक्षात्कार में तेजस्वी यादव ने कहा कि हाल ही में चुनाव आयोग द्वारा जारी प्रेस नोट में यह बताया गया है कि लगभग 52 लाख मतदाता सूची से अनुपस्थित पाए गए हैं. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक आंकड़ा बताने की औपचारिकता नहीं, बल्कि एक सुनियोजित प्रक्रिया का हिस्सा लगता है. उनके अनुसार, “हम इस प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं क्योंकि इसमें पारदर्शिता का पूरी तरह से अभाव रहा है.
तेजस्वी यादव ने बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि “BLO खुद ही दस्तखत कर रहे हैं और खुद ही दस्तावेज़ अपलोड कर रहे हैं. यह सीधे तौर पर पारदर्शिता का उल्लंघन है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ है.” उन्होंने आगे कहा कि बहुत से लोगों के पास आवश्यक दस्तावेज़ नहीं हैं, जिसके चलते उनका नाम सूची से हटा दिया गया है.तेजस्वी यादव ने इस पूरे मामले को गरीबों और वंचित वर्गों के खिलाफ साजिश बताते हुए कहा, “लोगों के मन में यह डर बैठ गया है कि अगर उनका नाम वोटर लिस्ट से हट गया, तो उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा. यह केवल मताधिकार पर हमला नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय पर भी हमला है.”
अपने तीखे बयान में उन्होंने कहा, “पहले जनता सरकार को चुनती थी, अब सरकार यह तय कर रही है कि कौन वोटर रहेगा और कौन नहीं. यह लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक संकेत हैं.”तेजस्वी ने चुनाव आयोग से अपील की है कि वह इस प्रक्रिया की उच्चस्तरीय जांच कराए और यह सुनिश्चित करे कि किसी भी पात्र नागरिक का नाम सूची से न हटे. साथ ही उन्होंने विपक्षी दलों और नागरिक संगठनों से भी इस मुद्दे पर आवाज उठाने का आह्वान किया.