राजस्थान विधानसभा में BJP पर फिर भड़के जूली! राज्य सरकार पर लगाया कोचिंग माफिया के साथ सांठ-गांठ का आरोप, देखे वायरल क्लिप
राजस्थान विधानसभा में सियासी तापमान आज गहराया, जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीकाराम जूली ने भाजपा सरकार पर कोचिंग माफिया के साथ मिलीभगत करने का गंभीर आरोप लगाया। विधानसभा में बोलते हुए जूली ने कहा कि राज्य में शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के क्षेत्र में हो रही अनियमितताओं के पीछे भाजपा सरकार की सांठ-गांठ है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर राज्य सरकार ने इस पर तुरंत कार्रवाई नहीं की, तो छात्रों और उनके परिवारों में गहरा असंतोष पैदा होगा।
टीकाराम जूली ने कहा कि कोचिंग संस्थानों द्वारा छात्रों से वसूली जा रही अत्यधिक फीस और उनके शैक्षणिक भविष्य के साथ खिलवाड़ करना अब आम बात हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि कई बार शिकायतें मिलने के बावजूद संबंधित विभाग इन मामलों में कार्रवाई नहीं करता, जिससे यह प्रतीत होता है कि सरकार इस व्यवसायिक धंधे के साथ किसी तरह की सांठ-गांठ में है। जूली ने सवाल उठाया कि आखिर क्यों राज्य सरकार इन कोचिंग सेंटरों पर कड़ी निगरानी नहीं रख रही और छात्रों की सुरक्षा तथा उनके आर्थिक हितों की रक्षा नहीं कर रही।
विधानसभा में जूली ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि कोचिंग माफिया ने शिक्षा के नाम पर छात्रों को सिर्फ आर्थिक रूप से शोषित किया है, जबकि सरकार आंखें मूंदकर बैठी हुई है। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की नीतियों से शिक्षा प्रणाली पर गंभीर असर पड़ रहा है और यह छात्रों के मनोबल तथा भविष्य पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकता है। जूली ने यह भी जोर देकर कहा कि यदि सरकार सचमुच शिक्षा को प्राथमिकता देती है, तो उसे तुरंत इस पर सख्त कदम उठाने चाहिए।
इस मामले पर विधानसभा में सत्तापक्ष के कुछ नेताओं ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। भाजपा के वरिष्ठ विधायक ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह से शिक्षा संस्थानों पर निगरानी रखती है और कोचिंग सेंटरों से जुड़े किसी भी अवैध कार्य में संलिप्तता नहीं है। उन्होंने दावा किया कि यदि कोई प्रमाण मिलता है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
राजस्थान में कोचिंग माफिया का मुद्दा पिछले कुछ समय से लगातार उठ रहा है। अभिभावक और छात्र अक्सर शिकायत करते रहे हैं कि कोचिंग संस्थान फीस के नाम पर अत्यधिक दबाव डालते हैं और परीक्षा परिणामों के लिए अवैध वसूली करते हैं। टीकाराम जूली के आरोप इस बहस को विधानसभा तक ले आए हैं और अब देखना यह है कि सरकार इस गंभीर मुद्दे पर क्या कदम उठाती है।