वायरल क्लिप में देखे प्रशांत किशोर का सनसनीखेज दावा, क्या नेपाली वोटर्स ने नरेंद्र मोदी को जिताया चुनाव?
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (PK) ने एक बार फिर भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है। इस बार उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत को लेकर एक बड़ा और विवादास्पद दावा किया है। PK का कहना है कि उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे सीमावर्ती इलाकों में बड़ी संख्या में नेपाली मूल के वोटर्स रहते हैं, और उनका झुकाव बीजेपी की ओर रहा है, जिससे मोदी की जीत को बढ़त मिली।
यह बयान न केवल सियासी गलियारों में नई बहस छेड़ रहा है, बल्कि सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है। प्रशांत किशोर ने यह बात एक टीवी इंटरव्यू के दौरान कही, जहां उनसे पूछा गया कि आखिर बीजेपी को बार-बार कैसे इतनी बड़ी जीत मिल रही है, खासकर पूर्वांचल और सीमाई इलाकों में। उन्होंने जवाब में कहा, "हमारे देश के कुछ इलाकों में पड़ोसी देशों से आने वाले नागरिक भी बड़ी संख्या में रहते हैं। खासकर बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में ऐसे मतदाता मौजूद हैं जो या तो यहां बस चुके हैं या फर्जी दस्तावेजों से भारतीय मतदाता बन चुके हैं।"
उनके इस बयान के बाद सियासी तूफान खड़ा हो गया है। विपक्षी दलों ने तुरंत इस मुद्दे को लपक लिया है और चुनाव आयोग से जांच की मांग की है। वहीं, बीजेपी ने PK के बयान को "बेसिर-पैर का" और "चुनावी निराशा" से प्रेरित बताया है। पार्टी प्रवक्ता का कहना है कि मोदी सरकार को जनता ने बहुमत से चुना है और ऐसे दावों से लोकतंत्र की गरिमा को ठेस पहुंचती है।
प्रशांत किशोर इससे पहले भी चुनावी रणनीतियों को लेकर कई बार खुलकर अपनी राय दे चुके हैं। लेकिन इस बार का दावा, ना केवल विवादित है बल्कि यह भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा और वोटर वेरिफिकेशन प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े करता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर PK के दावे में थोड़ा भी दम है, तो यह देश की चुनावी व्यवस्था के लिए खतरे की घंटी हो सकता है। हालांकि, अभी तक इस पर कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया है। अब देखना होगा कि चुनाव आयोग इस पर क्या रुख अपनाता है और यह मुद्दा आने वाले दिनों में कितनी बड़ी सियासी बहस का कारण बनता है।