चूना भट्टी, जेजे कॉलोनी और सराय रोहिल्ला में बुलडोज़र एक्शन से गरमाई सियासत! BJP के खिलाफ मैदान में उतरी AAP, यहां देखिये वायरल VIDEO
दिल्ली में राजनीतिक और प्रशासनिक उथल-पुथल के बीच एक बार फिर बुलडोज़रों की गर्जना सुनाई देने लगी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा दिल्ली के प्रमुख इलाकों - चूना भट्टी, जेजे कॉलोनी और सराय रोहिल्ला - में अतिक्रमण हटाने के नाम पर तोड़फोड़ अभियान शुरू करने की घोषणा से हड़कंप मच गया है। आम आदमी पार्टी (आप) ने इस कार्रवाई का नेतृत्व किया है और स्पष्ट किया है कि वह प्रभावित लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
इन इलाकों में बड़ी संख्या में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोग रहते हैं, जिनमें मजदूर, घरेलू कामगार, रिक्शा चालक और अन्य निम्न-आय वाले परिवार शामिल हैं। भाजपा के नेतृत्व वाले नगर निगम ने दावा किया है कि ये इलाके "अवैध अतिक्रमणों" से भरे हुए हैं और अदालती आदेशों के तहत इन्हें हटाना ज़रूरी है। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी इस कार्रवाई को 'मानवता-विरोधी' और 'गरीब-विरोधी' बता रही है।
स्थानीय विधायकों और आप नेताओं ने इलाके का दौरा किया है और लोगों को आश्वासन दिया है कि वे उनके घरों को बचाने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे। पार्टी ने यह भी कहा है कि जब तक वैकल्पिक पुनर्वास की उचित व्यवस्था नहीं की जाती, किसी भी झुग्गी या घर को गिराना गैरकानूनी और अन्यायपूर्ण है।
पार्टी प्रवक्ता ने मीडिया से बातचीत में कहा, "भाजपा केवल बुलडोजर की राजनीति करती है, जबकि आम आदमी पार्टी दिल्ली के गरीबों को सम्मानजनक जीवन देने में विश्वास रखती है। दशकों से इन इलाकों में बसे, बिजली-पानी के बिल चुकाने वाले, वोट देने वाले लोगों को एक झटके में बेघर करना अमानवीय है।"
सराय रोहिल्ला और चूना भट्टी के निवासियों ने मीडिया को बताया कि उन्हें इस तोड़फोड़ की कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। सरकारी गाड़ियों और नगर निगम की टीमों को देखकर लोगों में अचानक दहशत फैल गई। कई परिवार अपना सामान समेटने लगे और कुछ महिलाएं बच्चों के साथ स्थानीय नेताओं के पास मदद मांगने पहुँच गईं।
आप कार्यकर्ताओं ने भाजपा की इस कार्रवाई को चुनावी राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि भाजपा दिल्ली नगर निगम में अपना दबदबा दिखाने के लिए गरीबों को निशाना बना रही है। यह भी सवाल उठाया गया कि अगर ये इलाके वाकई अवैध हैं, तो इतने सालों तक इन्हें नियमित क्यों नहीं किया गया?अब देखना ये है कि इस बुलडोजर कार्रवाई को लेकर दिल्ली की सड़कों पर क्या सियासी घमासान देखने को मिलता है। क्या आम आदमी पार्टी लोगों को बचा पाएगी? क्या बीजेपी अपने फैसले पर कायम रहेगी? और सबसे बड़ा सवाल - क्या दिल्ली में रहने वाले हज़ारों गरीब लोग फिर से बेघर हो जाएँगे?