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Bihar Politics: वायरल फुटेज में देखिये तेजस्वी यादव का BJP पर जोरदार हमला,  लगाया 700000 से ज्यादा वोट कात्न्हे का संगीन आरोप 

 

बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर गंभीर आरोप लगाए हैं और दावा किया है कि भाजपा चुनाव आयोग के जरिए मतदाता सूची से लाखों नाम हटवाकर लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश कर रही है। तेजस्वी ने अपने ट्वीट में आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि अगर बिहार के कुल 7 करोड़ 90 लाख मतदाताओं में से न्यूनतम 1 प्रतिशत (लगभग 7 लाख 90 हजार) नाम भी हटाए जाएं तो प्रति विधानसभा क्षेत्र 3251 मतदाताओं के नाम हटाए जाएंगे। तेजस्वी ने चेतावनी दी कि भाजपा का इरादा 4-5% और भी मतदाताओं के नाम हटाने का है। तेजस्वी ने कहा कि पिछले दो विधानसभा चुनावों में 3 हजार से कम वोटों के अंतर वाली सीटों की संख्या 2015 में 15 और 2020 में 35 थी, जबकि 5 हजार से कम अंतर वाली सीटें 2015 में 32 और 2020 में 52 थीं। उनका आरोप है कि भाजपा ऐसी करीबी अंतर वाली सीटों के चुनिंदा बूथों, समुदायों और वर्गों को निशाना बना रही है। तेजस्वी ने कार्यकर्ताओं से घर-घर जाकर इस "बुरी मंशा" को उजागर करने का आह्वान किया और कहा कि वह लोकतंत्र को इस तरह खत्म नहीं होने देंगे।

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/iNZgGTj8jCI?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/iNZgGTj8jCI/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title=""7 लाख से ज्यादा वोट काटने की साजिश?" | तेजस्वी यादव का बड़ा दावा | Bihar Voter List Controversy" width="1250">
तेजस्वी यादव ने X पर लिखा...
“बिहार में कुल 𝟕 करोड़ 𝟗𝟎 लाख मतदाता हैं। सोचिए, अगर भाजपा के निर्देश पर न्यूनतम 𝟏 प्रतिशत मतदाताओं को भी छांट दिया जाए, तो लगभग 𝟕 लाख 𝟗𝟎 हज़ार मतदाताओं के नाम हटा दिए जाएँगे। यहाँ हमने केवल 𝟏 प्रतिशत की बात की है, जबकि उनकी मंशा इससे भी ज़्यादा, 𝟒-𝟓% है।

अगर हम इस एक प्रतिशत यानी 𝟕 लाख 𝟗𝟎 हज़ार मतदाताओं को 𝟐𝟒𝟑 विधानसभा क्षेत्रों से विभाजित करें, तो प्रति विधानसभा क्षेत्र 𝟑𝟐𝟓𝟏 मतदाताओं के नाम हटा दिए जाएँगे। (𝟕,𝟗𝟎,𝟎𝟎𝟎/𝟐𝟒𝟑 = (𝟑𝟐𝟓𝟏)
बिहार में कुल 𝟕𝟕,𝟖𝟗𝟓 मतदान केंद्र हैं और प्रत्येक विधानसभा में औसतन 𝟑𝟐𝟎 बूथ होते हैं। अब यदि एक बूथ से 𝟏𝟎 भी वोट हटा दिए जाएँ, तो विधानसभा के सभी बूथों से कुल 𝟑𝟐𝟎𝟎 वोट हट जाएँगे। (𝟑𝟐𝟎*𝟏𝟎 =𝟑,𝟐𝟎𝟎)
अब यदि हम पिछले दो विधानसभा चुनावों में करीबी अंतर से जीती और हारी हुई सीटों के आंकड़ों पर नज़र डालें, तो 2014 के विधानसभा चुनाव में कुल 𝟏𝟓 सीटें ऐसी थीं जिन पर जीत या हार का अंतर 𝟑 हज़ार वोटों से कम था और 2014 के चुनाव में, 16 सीटें ऐसी थीं जहाँ जीत-हार का अंतर 10 हज़ार से कम था। कुल 10 सीटें ऐसी थीं जहाँ जीत-हार का अंतर 10 हज़ार से कम था।

अगर हम उन सीटों को गिनें जहाँ जीत-हार 10 हज़ार से कम थी, तो 100 में 10 सीटें और 10 में कुल 10 सीटें थीं।भाजपा अब चुनाव आयोग के ज़रिए ऐसी हर सीट को निशाना बना रही है। ये लोग ऐसी सीटों के चुनिंदा बूथों, समुदायों और वर्गों के बहाने वोटों का बंटवारा करना चाहते हैं। लेकिन हम सब सतर्क हैं, हमारे कार्यकर्ता घर-घर जाकर इनके नापाक इरादों को उजागर करेंगे। हम लोकतंत्र को ऐसे खत्म नहीं होने देंगे।”