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‘अंधेर नगरी चौपट राजा....' PM Modi पर को आगबबूला हुए कन्हैया कुमार ? वायरल फुटेज में देखिये सबसे बड़ा जुबानी हमला 

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता और पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार ने हाल ही में एक जनसभा में उन्हें "अंधेर नगरी के चौपट राजा" की संज्ञा दी। यह बयान न केवल विपक्ष के राजनीतिक तेवरों को दर्शाता है बल्कि मौजूदा सरकार की कार्यशैली पर गहरा कटाक्ष भी करता है। कन्हैया के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में गर्मी ला दी है, और उनके शब्दों के पीछे की वजहें भी कई स्तरों पर ध्यान देने योग्य हैं।

<a style="border: 0px; overflow: hidden" href=https://youtube.com/embed/ti5D7FSfV_8?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/ti5D7FSfV_8/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" title="'अंधेर नगरी चौपट राजा...' PM मोदी पर क्यों बरसे कन्हैया कुमार? | Kanhaiya Kumar | Bihar Elections" width="1250">

मोदी सरकार की आलोचना में तीखा हमला
कन्हैया कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि देश आज एक ऐसे दौर से गुजर रहा है जहां शासन व्यवस्था बिखरती जा रही है और जनता को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, "ये सरकार सिर्फ प्रचार में व्यस्त है, जबकि आम लोगों की ज़िंदगी लगातार कठिन होती जा रही है। महंगाई चरम पर है, बेरोजगारी रुकने का नाम नहीं ले रही और संस्थाएं दबाव में काम कर रही हैं।"कन्हैया के मुताबिक, यह पूरा सिस्टम ‘अंधेर नगरी’ बन चुका है, जहां कोई जवाबदेही नहीं है और फैसले सिर्फ सत्ता के फ़ायदे के लिए लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री खुद को ‘विश्वगुरु भारत’ के नेता के रूप में पेश करते हैं, लेकिन देश के युवाओं को न नौकरी मिल रही है, न भविष्य की दिशा।

बेरोजगारी और शिक्षा व्यवस्था पर सवाल
कन्हैया कुमार ने कहा कि सरकार का असली चेहरा तब सामने आता है जब आप ज़मीनी हकीकत देखते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि युवाओं से किए गए हर वादे को मोदी सरकार ने तोड़ दिया है। लाखों नौकरियां हर साल का वादा तो किया गया, लेकिन हकीकत में सरकारी भर्तियां ठप हैं या वर्षों से लंबित।उन्होंने शिक्षा व्यवस्था को लेकर भी चिंता जताई और कहा, "विश्वविद्यालयों में बजट कम हो रहा है, शिक्षकों की भर्तियां नहीं हो रही, और छात्रों को सिर्फ ‘डिग्री’ नहीं, दिशा भी चाहिए – जो ये सरकार नहीं दे पा रही है।"

संवैधानिक संस्थाओं पर दबाव का आरोप
कन्हैया ने पीएम मोदी की सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आज न्यायपालिका, चुनाव आयोग और मीडिया पर ऐसा दबाव है जो पहले कभी नहीं देखा गया। "अंधेर नगरी में राजा ही सब कुछ तय करता है – यही स्थिति अब हमारे देश की हो गई है," उन्होंने कहा।उनका कहना है कि जब मीडिया सरकार से सवाल नहीं करता और अदालतें भी मौन रहती हैं, तब लोकतंत्र खोखला हो जाता है। यही वजह है कि उन्होंने सरकार की तुलना ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ से की, जो एक पुरानी कहावत है जिसका अर्थ होता है – जहां शासक अयोग्य हो और व्यवस्था चरमराई हुई हो।

जनमानस से जुड़ने की कोशिश
कन्हैया कुमार का यह बयान सिर्फ आलोचना नहीं, बल्कि जनता को आगाह करने की कोशिश भी है। वह चाहते हैं कि लोग सिर्फ चेहरे देखकर वोट न करें, बल्कि नीतियों को समझें, सवाल पूछें और जवाब मांगें। उन्होंने कहा, "आज के राजा सिर्फ भाषण देते हैं, जमीनी सच्चाई से कोई वास्ता नहीं रखते। ये वक्त है जागने का, सोचने का और सच्चाई को देखने का।"

विपक्ष की रणनीति का हिस्सा
कन्हैया का यह बयान कांग्रेस पार्टी की उस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसके तहत युवाओं, छात्रों और मध्यवर्ग को केंद्र में रखते हुए सरकार पर हमले तेज़ किए जा रहे हैं। आने वाले चुनावों में विपक्ष यह दिखाना चाहता है कि सरकार का चेहरा चमकदार जरूर है, लेकिन नींव खोखली होती जा रही है।