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सड़क सुरक्षा नियम २०२१ : सड़क सुरक्षा के 5 नियम जिनका पालन हमेशा करना चाहिए

 

भारतीय सड़कों पर जैसे-जैसे वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है, उसी हिसाब से दुर्घटनाओं, टक्कर और मौत का खतरा भी बढ़ रहा है. जहां इन सबकी संभावना बनी रहती है, ऐसे में हम वाहन दुर्घटनाओं में इस परिस्थिति से अपना चाव कर सकते हैं. भारत में सड़क पर ट्रैफिक नियमों का उनती सख़्ती से पालन नहीं किया जाता, जिस हिसाब से होना चाहिए जो काफी निराशाजनक है. सड़क दुर्घटनाओं की बात करें तो दुनियाभर में सबसे ज़्यादा मौत भारत में ही होती हैं. इस आंकड़े में बदलाव की असल में ज़रूरत है. 18 जनवरी से 17 फरवरी 2021 तक राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा महीना तय किया गया है जहां हम आपको बता रहे हैं 5 सड़क सुरक्षा नियमों के बारे में जिसकी पालन आपको किसी भी हाल में करना चाहिए.

1. पिछली सीट पर सीटबेल्ट और हेलमेट अनिवार्य

अगली सीटों पर बैठे लोगों द्वारा सीटबेल्ट लगाने में ही भारतीयों ने बहुत लंबा समय लिया है. फिर भी रोज़ाना ऐसी खबरें सुनने को मिलती हैं जहां क्रैश के दौरान यात्रियों ने सीटबेल्ट नहीं लगाया होता. सीटबेल्ट नहीं लगाना मोटर व्हीकल ऐक्ट 1988 और सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स 1989 के हिसाब से अपराध है और इस नियम का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्यवाही आप पर की जाएगी. दिल्ली पुलिस ने देश में पहली बार पिछले यात्रियों के लिए भी सीटबेल्ट अनिवार्य कर दिया है और ऐसा ना करने पर रु 1,000 का चालान बनेगा. इसके अलावा दो-पहिया वाहन में पिछली सीट पर बैठे यात्री के लिए हेलमेट लगाना भी अनिवार्य कर दिया गया है. तो बेहतर है कि अपनी जान बचाए रखने के लिए आप हमेशा नियमों का पालन करें.

2. राइट ऑफ वे

अगला नियम जिसे सबसे ज़्यादा नज़अंदाज़ किया जाता है. जिन सड़कों पर सिग्नल या ट्रैफिक पुलिस ना खड़ी हो, वहां आवश्यक है कि आप ज़्यादा चौकन्ने रहें जिससे दुर्घटना से बचा जा सके. नियम यह है कि जब आप किसी मेन रोड से चौराहे पर होते हुए अगली मेन रोड पर पहुंच रहे हों तो सड़क पर चल रहे साथी वाहनों को पर्याप्त जगह उपलब्ध कराएं. इसके अलावा यह कभी ना भूलें कि पैदल यात्रियों के अपने अलग अधिकार होते हैं, ऐसे में आपकी ज़िम्मेदारी बनती है कि हर समय पैदल यात्रियों को जगह दें.

3. तेज़ रफ्तार पसंद है तो ट्रैक पर चलें

सड़क हादसे हमारे देश में बहुत बड़ी समस्या हैं, आप इसकी गंभीरता को शायद ना समझते हों, लेकिन तेज़ रफ्तार वाहन चलाने पर अनुभवी चालक तो वाहन को संभाले रखते हैं, लेकिन यहां कम अनुभवी या नौसिखियों को कई बार अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है. पहली बार तेज़ रफ्तार वाहन चलाए जाते हुए अगर आप पकड़े जाते हैं तो दंड के रूप में आपको रु 5,000 का जुर्माना या एक साल तक का कारावास दिया जा सकता है. दूसरी बार ओवर स्पीडिंग के लिए रु 10,000 का जुर्माना तय किया गया है और 6 महीने तक कारावास.

4. स्टॉप लाइन पर रुकें

शहरी और विकसित इलाकों में अब कैमरा का प्रचलन शुरू हो चुका है, ऐसे में जब आप सिग्नल पर रुकते हैं तो स्टॉप लाइन का पूरा ध्यान रखें. यह लाइन दो पट्टियों वाली होती है जिसके साथ पैदल यात्रियों के लिए ज़ैब्रा क्रॉसिंग भी होती है. अगर आप इस लाइन के पार जाकर वाहन रोकते हैं तो आपके खिलाफ रु 100 का जुर्माना लगाया जाएगा. जुर्माना ना भरने की दशा में आपका वाहन जब्त कर लिया जाएगा और चालान चुकाने के बाद ही आपको वापस दिया जाएगा. तो अगली बार सिग्नल पर पहुंचें तो याद रहे कि पीली रेखा से पीछे ही अपने वाहन को खड़ा करें.

5. शराब पीकर बहन न चलाये

शराब के या किसी भी नशे में वाहन चलाना ना सिर्फ आपकी जान के लिए, बल्कि पैदल यात्रियों और बाकी लोगों की जान के लिए भी खतरनाक साबित होता है. कार की स्टीयरिंग अगर नशे में धुत चालक के हाथ में हो तो सड़क क्या, चौराहा क्या, फटपाथ भी सुरक्षित नहीं होता. ना ऐसा काम करें और ना वो व्यक्ति बनें. अगर आप नशे में वाहन चला रहे हैं और आपके वाहन से किसी व्यक्ति की जान चली जाती है तो आईपीसी सैक्शन 304 के तहत आप खून के जुर्म में अपराधी होंगे. अंडर सैक्शन 185-202 के अंतर्गत वाहन चलाते समय 100 मिली पर 30 मिग्रा ऐल्कोहल आप ले सकते हैं, इससे ज़्यादा मात्रा में इसका सेवन करने पर आप गिरफ्तार किए जा सकते हैं. चालान की शुरुआत रु 10,000 या 6 महीने की जेल से होती है और दूसरी बार यह गलती करने पर आपका चालान रु 15,000 कर दिया जाएगा.