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Vastu Tips: सुबह शाम दीपक जलाने के हैं कई फायदे, जानिए नियम और महत्व

 

हिंदू धर्म में पूजा पाठ के लिए कई सारे नियम बनाएं गए हैं वही किसी भी शुभ काम की शुरूवात, चाहे वह पूजा पाठ, सांस्कृतिक उत्सव या कोई भी पर्व क्यों न हो सभी की शुरुआत दीपक जलाकर की जाती हैं धर्म शास्त्रों के मुताबिक आग पृथ्वी पर सूर्य का बदला हुआ रू माना जाता हैं मान्यता है कि अग्निदेव को साक्षी मानकर उसकी मौजूदगी में किए गए काम जरूर सफल होते हैं प्रकाश ज्ञान का प्रतीक माना गया हैं। तो आज हम आपको दीप दान के महत्व और नियम के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।

अग्नि पुराण के मुताबिक जो लोग मंदिर में एक साल तक दीप दान करते हैं वह सब कुछ प्राप्त कर लेता हैं इसी तरह चार्तुमास, पूरे अधिकमास या अधिकमास की पूर्णिमा के दिन मंदिर या पवित्र नदियों के किनारे दीपदान करता है उसे विष्णु लोक की प्राप्ति होती हैं इसके अलावा ऐसा भी कहा जाता हैं कि जब तक दीपक जलता है तब तक भगवान स्वयं उस जगह पर उपस्थित रहते हैं इसलिए वहां पर मांगी गई मुराद जल्दी पूरी हो जाती हैं दीपक से व्यक्ति जीवन के उध्र्वगामी होने, ऊंचा उठने और अन्धकार को मिटा डालने की प्रेरणा मिलती हैं।

वही किसी भी पूजा और त्योहार पर घी या तेल के दीपक जलाने से घर में सकारात्मकता का संचार होता हैं घर के सदस्यों को प्रसिद्धि मिलती हैं वास्तु नियमों के अनुसार अखंड दीपक पूजा स्थल के आग्नेय कोण में रखा जाना चाहिए। इस दिशा में दीपक रखने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती हैं और घर में सुख समृद्धि का वास होता हैं। दीपक की लौक के संबंध में मान्यता है कि उत्तर दिशा की ओर लौ रखने से सेहत और प्रसन्नता में वृद्धि होती हैं पूर्व दिशा की ओर लौ रखने से आयु की वृद्धि होती हैं।