कष्टों से मुक्ति के लिए नागेश्वर पंचमी पर करें शिव की पूजा
हिंदू धर्म में व्रत उपवास और पूजा पाठ का खास महत्व होता हैं, वही शास्त्रों में भी व्रत को विशेष माना गया हैं शुक्रवार 28 फरवरी 2020 यानी कल फाल्गुन माह के शुक्लपक्ष की पंचमी मनाई जाएगी। इस तिथि पर भगवान भोलेनाथ के नागेश्वर स्वरूप की आराधना की जाती हैं
वही शिव ग्रंथों की कथा के मुताबिक शिव भक्त वैश्य सुप्रिय अपने सारे कार्य शिव भगवान को अर्पित करता था। उसकी शिव भक्त से दारुक नाम दैत्य क्रोधित होकर सुप्रिय की पूजा पाठ में रुकावटें पैदा करता था। एक दिन दारुक ने सुप्रिय को कैद कर दिया, मगर उसकी शिव पूजा निरंतर चलती रही। इस पर दारुक ने सुप्रिय को मृत्यु दंड दिया।
भोलेनाथ ने सुप्रिय की रक्षा के लिए कारागार में चमकते हुए सिंहासन पर स्थित होकर ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए व सुप्रिय को पाशुपतास्त्र प्रदान किया। जिससे सुप्रिय ने दारुक का अंत कर दिया। जहां शिव प्रकट हुए थे वहां अपने आप शिवलिंग बन गया। इसके बाद भोलेनाथ की इच्छा से ही वहां नागेश्वर रूप में उनकी पूजा की जाने लगी।