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शारदीय नवरात्र: करें देवी शैलपुत्री के दर्शन

 

मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री पार्वती हैं। इनका दूसरा नाम शैलपुत्री हैं। नवरात्र के प्रथम दिन माता शैलपुत्री की पूजा होती है।

देवी शैलपुत्री के  एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल का फूल है। इनका वाहन नंदी हैं। ये बैल की सवारी करती हैं।

शैलराज हिमालय की कन्या होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। नवदुर्गा का सर्वप्रथम स्वरूप शैलपुत्री है।देवी शैलपुत्री को वन्य जीव-जंतुओं की रक्षक देवी माना जाता हैं।

इसके साथ ही सारी आपदाओं से मुक्‍ति पाने के लिए देवी शैलपुत्री का पूजन किया जाता है। ये सभी जीवों की संरक्षक मानी जाती है।