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सावन सोमवार व्रत: किन परिस्थितियों में नहीं करना चाहिए व्रत, जानिए

 

सावन का महीना हिंदू धर्म में बहुत ही खास महत्व रखता हैं इस महीने में शिव भक्त भगवान को मनाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं इसलिए भगवान शिव के भक्त सावन सोमवार का व्रत भी रखते हैं धार्मिक साथ सेहत के लिए भी इन दिनों व्रत रखना सही रहता हैं क्योंकि इस समय पाचन क्रिया कमजोर रहती हैं इसलिए इस माह फलाहार व्रत या एक समय भोजन करना सही माना जाता हैं मगर कुछ परिस्थितियां ऐसी भी होती हैं जिनमें व्रत नहीं रखना चाहिए। जानिए व्रत का महत्व क्या हैं।

आपको बता दें कि अशौच अवस्था में व्रत रखना उचित नहीं माना जाता हैं अशौच की अवस्था अर्थात् सूतक,जन्म मरण के समय लगने वाली छूत, या मल मूत्र आदि का स्पर्श हो जाने पर क्यांकि इस अवस्था को अशुद्ध, मलीन माना गया हैं। वही अगर व्रत के दौरान आपका मन स्थिर न रहें व्रत भंग होने की संभावना हो या व्रत में भी उत्तेजना होने वाले व्यक्ति को व्रत नहीं करना चाहिए। क्योंकि व्रत करना एक संकल्प होता हैं और अगर आप संकल्प पूरा नहीं कर सकते हैं तो व्रत रखना व्यर्थ होता हैं। वही रजस्वरा के दिनों के दौरान भी महिलाओं को व्रत नहीं करना चाहिए। अगर आप कहीं दूर यात्रा पर जा रहे हैं तो व्रत रखना जरूरी नहीं हैं। युद्ध की स्थिति में भी व्रत का त्याग करना चाहिए।

अगर आपकी शारीरिक स्थिति ठीक नहीं है आप शारीरिक रूप से कमजोर है या बीमार है, बुखार की अवस्था है तो भी व्रत नहीं रखना चाहिए। छोटो बच्चों और वृद्धजनों को अपनी शारीरिक शक्ति के मुताबिक फलाहार करते हुए व्रत उपवास करना चाहिए।