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महाशिवरात्रि पर शिव पार्वती को ऐसे करें प्रसन्न

 

हिंदू धर्म का महापर्व महाशिवरात्रि इस साल 21 फरवरी 2020 दिन शुक्रवार यानी कल मनाया जाएगा। शिवरात्रि शिवभक्तों के लिए विशेष महत्व रखता हैं वही सृष्टि के प्राणियों को दुखी देख उनके कल्याण के लिए देवी पार्वती के द्वारा पूछे गए प्रश्नों के जवाब में शिव कहते हैं कि प्रियतमे पुण्येन जायते पुत्र: पुण्येन लभते श्रियम। पुण्येन रोगनाश: स्यात सर्वशास्त्रेण सम्मतः। वही अर्थात् पुण्यकर्मों के करने से ही वंश की वृद्धि होती हैं पुण्यकर्म करने से ही जीव कीर्तिवान होता हैं पुण्य कर्मों में लगे रहने से शरीर के सभी रोग नष्ट हो जाते हैं ऐसा सभी शास्त्रों का मत हैं। इसलिए सभी प्राणियों को अपना पुण्यकोष कभी भी रिक्त नहीं होने देना चाहिए। वैसे तो साल के सभी माह की मास शिवरात्रि का एक एक पल पुण्य फलकारी माना जाता हैं मगर फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि का प्रत्येक क्षण अधिकाधिक महत्व होता हैं वही हिंदू धर्म शास्त्र कहता हैं कि मा मा भुक्तं क्षीयते कर्म कल्पकोटि शतैरऽपि।अवश्यमेव भोक्तव्यम् कृते कर्म शुभाशुभं। अर्थात् मानव को अपने द्वारा किए हुए पाप पुण्य जनित कर्मों का फल भोगना ही पड़ता हैं जब तक जीवन अपने शुभाशुभ कर्मों का फल भोग नहीं लेता हैं तब तक उसे बारम्बार जन्म लेना ही पड़ता हैं।

वही मनुष्य पाप करके भी तभी तक सुखी रह पाता हैं जब तक की उसके द्वारा संचित पुण्य कर्मों का कोष खाली नहीं हो जाता हैं पुण्य का कोष खाली होते पाप कर्मो का फल मिलने लगता हैं फिर जीवन इतना परेशान हो जाता हैं कि उसे बचने का कोई रास्ता नहीं दिखाई पड़ता हैं। फाल्गुन माह की महाशिवरात्रि माह इसी पुण्य को पुन वृद्धि करने का वरदान हैं स्वयं भगवान शिव और देवी मां पार्वती, गणेश कार्तिकेय, नंदी और अपने शिवगणों सहित इस दिन अपने भक्तों के द्वारा किये जाने वाले पूजन रुद्राभिषेक का तत्क्षण फल प्रदान करते हैं।

महापर्व महाशिवरात्रि इस साल 21 फरवरी 2020 दिन शुक्रवार यानी कल मनाया जाएगा। शिवरात्रि शिवभक्तों के लिए विशेष महत्व रखता हैं फाल्गुन माह की शिवरात्रि इसी पुण्य को पुन वृद्धि करने का वरदान हैं स्वयं भगवान शिव और देवी मां पार्वती, गणेश कार्तिकेय, नंदी और अपने शिवगणों सहित इस दिन अपने भक्तों के द्वारा किये जाने वाले रुद्राभिषेक का तत्क्षण फल प्रदान करते हैं। महाशिवरात्रि पर शिव पार्वती को ऐसे करें प्रसन्न