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हिंदू धर्म में क्यों सबसे बड़ें आराध्य हैं शिव शंकर, जानिए

 

हिंदू धर्म में देवों के देव महादेव की पूजा आराधना सबसे अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती हैं वही धर्म शास्त्रों में भगवान शिव को सत्य, सुंदर बताया गया हैं तो आज हम आपको महादेव से जुड़ी कुछ रोचक कथाओं के बारें में बताने जा रहे हैं और साथ ही यह भी बताएंगे कि क्यों शिव सबसे बड़े आराध्य देव कहें जाते हैं तो आइए जानते हैं। हिंदू धर्म के शिव पुराण के मुताबिक ​महादेव को स्वयंभू माना जाता हैं यानी की इनकी उत्पत्ति स्वंय हुई हैं शिव जन्म और मृत्यु से परे हैं। वही विष्णु पुराण में भगवान शिव के जन्म के संबंध में एक कथा प्रचलित हैं कथा के मुताबिक एक बार ब्रह्रमा जी को एक बच्चे की अवश्यकता थी तब उन्होंने इसके लिए तपस्या की तभी अचानक उनकी गोद में रोते हुए बालक शिव प्रकट हुए। ब्रह्मा ने बच्चे से रोने का कारण पूछा तो उसने बड़ी ही मासूमियत से उत्तर दिया कि उसका नाम ब्रह्मा नहीं हैं इसलिए वह रो रहा हैं। तब ब्रह्मा ने भगवान शिव का नाम रूद्र रखा जिसका अर्थ होता हैं रोने वाला हैं।

भगवान शिव के ब्रह्मा पुत्र के रूप में जन्म लेने के पीछे भी विष्णु पुराण में एक पौराणिक कथा हैं इसके मुताबिक जब धरती, आकाश, पाताल समेत पूरा ब्रह्माण्ड जल मग्न था तब ब्रह्मा, विष्णु और महेश के सिवा कोई भी देव या प्राणी नहीं था। तब केवल विष्णु ही जल सतह पर अपने शेषनाग पर लेटे थे तब उनकी नाभि से कमल नाल पर ब्रह्मा जी प्रकट हुए।

हिंदू धर्म के शिव पुराण के मुताबिक ​महादेव को स्वयंभू माना जाता हैं यानी की इनकी उत्पत्ति स्वंय हुई हैं शिव जन्म और मृत्यु से परे हैं। विष्णु पुराण में भगवान शिव के जन्म के संबंध में एक कथा प्रचलित हैं कथा के मुताबिक एक बार ब्रह्रमा जी को एक बच्चे की अवश्यकता थी तब उन्होंने इसके लिए तपस्या की तभी अचानक उनकी गोद में रोते हुए बालक शिव प्रकट हुए। हिंदू धर्म में क्यों सबसे बड़ें आराध्य हैं शिव शंकर, जानिए