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Vastu Shastra: वास्तु अनुसार व्यक्ति की किस्मत बदल सकती है यह दिशा

 

वास्तुविज्ञान में दिशाओं का विशेष महत्व होता हैं वही ईशान दिशा वास्तु के अनुसार सबसे शुभ और पवित्र मानी जाती हैं इस दिशा का विस्तार 22.5 डिग्री से 67.5 डिग्री तक होता हैं यह दिशा, उत्तर और पूर्व का कोना होता हैं इस दिशा के स्वमी भगवान शिव को माना गया हैं इस दिशा का आधिपत्य बृहस्वति देव के पास होता हैं यह एक आध्यात्कि दिशा मानी जाती हैं। ईशान दिशा में मंदिर का स्थान, बाथरूम, बच्चें का कमरा, स्टडी रूम और बैठक शुभ माना जाता हैं इस दिशा को सबसे अधिक साफ सुथरा, खाली और नीचा रखना चाहिए तो आज हम आपको इस दिशा से जुड़ी जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं। घर के द्वारा खिड़कियां इस ओर शुभ मानी जाती हैं यह दिशा घर में पुत्र संतान और धन समृद्धि की हैं अगर यह दिशा दूषित है तो घर में धन धान्य की कमी आएगी। पुत्र संतान से असंतोष मिलेगा। इस दिशा में कभी भी शौचालय, किचन, जीना, गृह स्वामी कक्ष भूलकर भी नहीं बनवाना चाहिए। वरना घर का वातावरण खराब हो जाता हैं घर परिवार के लोगों के बीच मनमुटाव की स्थिति बनी रहती हैं संतान को शारीरिक कष्ट, रोग हो सकता हैं इसलिए वास्तुशास्त्र के अनुसार ईशान कोण को हमेशा खाली रखना अच्छा माना जाता हैं इस दिशा में घर का ढलान बहुत ही शुभ होता हैं। वही जिन लोगों का मूलांक या भाग्यांक तीन होता हैं उनके लिए यह दिशा बहुत ही शुभ होती हैं। वास्तु अनुसार इस दिशा से जुड़ें नियमों का पालन करने से व्यक्ति को लाभ प्राप्त हो सकता हैं।