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Vastu Tips: वास्तु अनुसार कैसा होना चाहिए आपका शयनकक्ष, जानिए

 

हर किसी के जीवन में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व होता हैं कई बार बहुत कोशिश करने के बाद भी विवाह योग्य लड़कियों के लिए उचित वर नहीं मिल पाता हैं कोई न कोई बाधा या अड़चनें आ जाती हैं वास्तु के मुताबिक घर का वास्तुदोष विवाह में देरी का कारण माना जाता हैं वास्तु विज्ञान आपके आस पास मौजूद चीजों से उत्पन्न ऊर्जा के नकारात्मक और सकारात्मक प्रभाव को बताता हैं विवाह योग्य लड़कियों का कमरा गलत दिशा में होने से उसके विवाह में विलंब हो सकता हैं सही दिशा में कमरा होने से जल्दी आपके घर में शहनाई बज सकती है।

वास्तु के मुताबिक विवाह योग्य कन्याओं का जब अध्ययन पूरा हो जाए और उनका विवाह करना हो तब उन्हें उत्तर पश्चिम यानी वायव्य कोण में सोना चाहिए। वास्तु के मुताबिक वायव्य कोण में वायु की प्रबलता रहती हैं इसलिए इस दिशा को चलायमान कहा गया हैं वायव्य कोण के आधिपत्य देव चन्द्रमा हैं और देवता वायु को माना गया हैं इस प्रकार वायव्य कोण में दिशा, देव और ग्रह तीनों की प्रकृति चलायमान हैं इसलिए विवाह योग्य कन्या के लिए वायव्य कोण का कमरा सर्वोत्तम माना जाता हैं अगर वायव्य कोण में कमरा नहीं हैं तो विकल्प के रूप में उत्तर दिशा या ईशान के कमरे के उत्तर पश्चिम में उनके रहने सोने की व्यवस्था की जा सकती हैं।

शादी योग्य कन्याओं के कमरे का रंग हल्का गुलाबी या कोई भी आंखों को सुंदर लगने वाला होना चाहिए। कभी भी अत्यधिक गहरे, भूरे, नीले और काले रंगों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसे रंग नकारात्मक शक्ति के स्तर में वृद्धि करते हैं।