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साइंस के हिसाब से ग्रहण का होता है सेहत पर असर , इस तरह से रखें अपना ध

 

जयपुर।  2 जुलाई को सूर्य ग्रहण होने जा रहा है । यह एक खगोलीय घटना है जो की सूर्य और चंद्रमा के घूर्णन काल में एक दूसरे के सामने आ जाने के कारण होती है । सूर्य का प्रकाश जब चंद्रमा की वजह से पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता है तो उसे सूर्यग्रहण कहा जाता है। ऐसे में हमारे बड़े बुजुर्ग इस बात को कहते हैं की ग्रहण के दौरान हमको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए । वो अगर ऐसा कहते हैं तो वह गलत नही है । हाँ वह इस बा को हमें समझा नहीं पाते हैं की इसके पीछे की असल वजह क्या है ?

जब भी ग्रहण होता है तो हमको यही ही समझाया जाता है की उस समय घर से बाहर नही निकला जाये । कुछ खाया पिया नही जाये । बिना चश्मे के ग्रहण को देखा भी ना जाये । पूरा तन ढकने वाले कपड़े तो पहने ही उसके बाद जब ग्रहण खत्म हो जाये तो नहाएँ भी । जब गरण काल चल रहा होता है तो तुलसी का पत्ता मुंह में रखें । इन सभी के पीछे साइंटिफिक कारण है ।

दरअसल सूर्य ग्रहण के दौरान मैग्नेटिक फील्ड और अल्ट्रा वॉयलेट किरणों का असर काफी अधिक होता है। इस दौरान हमारा मेटाबॉलिज्म और पाचन कमजोर हो जाता है और साथ ही इसका असर हमारे इम्यून सिस्टम पर भी पड़ता है ।

कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रहण के दौरान मूड स्विंग भी होते हैं। इसलिए ग्रहण के समय हल्का और आसानी से पचने वाली चीजों का ही सेवन करना चाहिए। इस दौरान नारियल पानी का सेवन शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स और जरूरी न्यूट्रिएंट्स का स्तर बढ़ाता है।

यह हमारी आँखों के लिए भी जरा भी अच्छा नही होता है मैग्नेटिक फील्ड और अल्ट्रा वॉयलेट किरणों हमको आँखों पर चश्मा पहनने की सलाह दी जाती है यह हमारी आँखों को कमजोर करता है । और इनहि कीरों के कारण लोहे की धातु से भी दूर रहने को कहा जाता है यह इन कीरों के साथ मिलकर रिएक्शन देती है ।

सूर्य ग्रहण के दौरान मैग्नेटिक फील्ड और अल्ट्रा वॉयलेट किरणों का असर काफी अधिक होता है। इस दौरान हमारा मेटाबॉलिज्म और पाचन कमजोर हो जाता है और साथ ही इसका असर हमारे इम्यून सिस्टम पर भी पड़ता है ।कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रहण के दौरान मूड स्विंग भी होते हैं। इसलिए ग्रहण के समय हल्का और आसानी से पचने वाली चीजों का ही सेवन करना चाहिए। साइंस के हिसाब से ग्रहण का होता है सेहत पर असर , इस तरह से रखें अपना ध