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Shardiya navratri 2020: महाष्टमी पर पढ़ें मां दुर्गा की आठवीं शक्ति महागौरी की कथा

 

अभी शारदीय नवरात्रि का त्योहार मनाया जा रहा हैं नवरात्रि की अष्टमी तिथि बहुत ही खास मानी जाती हैं आज यानी 24 अक्टूबर को नवरात्रि का अष्टमी मनाई जा रही हैं क्योंकि कई लोग इसी दिन कन्या पूजन कर व्रत खोलते हैं। ऐसा माना जाता हैं कि नवरात्रि की अष्टमी के दिन महाग्री की कथा को जरूर सुनना या पढ़ना चाहिए। तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं महाअष्टमी कथा, तो आइए जानते हैं।

आपको बता दें कि देवी मां दुर्गा का आठवां स्वरूप महागौरी का हैं देवी के नाम से ही प्रकट है कि इनका रूप पूर्णत गौर वर्ण हैं। इनकी उपमा शंख, चंद्र और कुंद के पुष्प से दी गई हैं अष्टवर्षा भवेद् गौरी यानी इनकी आयु आठ साल की मानी गई हैं इनके सभी आभूषण और वस्त्र सफेद इसीलिए उन्हें श्वेताम्बरधरा माना जाता हैं देवी की चार भुजाएं हैं और इनका वाहन वृषभ हैं इसीलिए मां को वृषारूढ़ा भी कहते हैं। माता अपने ऊपर वाले दाहिने हाथ में अभय मुद्रा हैं और नीचे वाले हाथ त्रिशूल धारण किया हुआ हैं। ऊपर वाले बायं हाथ में डमरू धारण कर रखा है और नीचे वाले हाथ में वर मुद्रा हैं इनकी पूजा मुद्रा बहुत शांत हैं ये अमोघ फलदायिनी हैं इनकी पूजा से भक्तों के कई कल्मष धुल जाते हैं पूर्वसंचित पाप भी नष्ट हो जाते हैं मां महागौरी का पूजन बहुत ही कल्याणकारी माना जाता हैं इनकी कृपा से अलौकिक सिद्धियां प्राप्त होती हैं। एक कथा के मुताबिक भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए देवी ने कठोर तपस्या की थी। जिससे इनका शरीर काला पड़ गया। देवी की तपस्या से प्रसन्न होकर शिव ने इन्हें स्वीकार किया और इनके शरीर को गंगा जल से धोया जिससे देवी पुन विद्युत के समान अत्यंत कांतिमान गौर वर्ण की हो गई जिसकी वजह से इनका नाम महागौरी पड़ा।