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Pradosh vrat 2020: 28 अक्टूबर को प्रदोष व्रत, जानिए पूजन विधि

 

हिंदू धर्म में व्रत त्योहारों को विशेष महत्व दिया गया हैं वही एकादशी और प्रदोष व्रत खास माना जाता हैं हर महीने में दो प्रदोष व्रत और दो एकादशियां पड़ती हैं प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता हैं वही 28 अक्टूबर दिन बुधवार को शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता हैं वही बुधवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को बुध प्रदोष व्रत कहा जाता हैं तो आज हम आपको प्रदोष व्रत की पूजा विधि के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।

धार्मिक रूप से देखा जाए तो प्रदोष व्रत भगवान भोलेनाथ के साथ चंद्रदेव से भी जुड़ा हैं मान्यताओं के मुताबिक प्रदोष व्रत सबसे पहले चंद्रदेव ने ही किया था। कहते हैं कि शाप के कारण चंद्र देव को क्षय रोग हो गया था तब उन्होंने हर महीने में आने वाली त्रयोदशी तिथि पर शिव को समर्पित प्रदोष व्रत रखना शुरू किया। जिसके शुभ प्रभाव से चंद्रदेव को क्षय रोग से मुक्ति प्राप्त हुई। पौराणिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से जातक पर हमेशा शिव की कृपा बनी रहती हैं और उसका दुख दारिद्रता भी दूर हो जाती है कर्ज से मुक्ति मिलती हैं प्रदोष व्रत में शिव संग देवी मां पार्वती की आराधना करना भी अच्छा माना जाता हैं जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करते हुए यह व्रत व्यक्ति का कल्याण करता हैं।

आपको बता दें कि प्रदोष व्रत करने के लिए सुबह जल्दी उठना चाहिए। सबसे पहले स्नान करें और शिव को जल अर्पित कर उनके मंत्र का जाप करें। इसके बाद पूरे दिन निराहार व्रत करते हुए प्रदोषकाल में शिव को शमी, बेलपत्र, कनेर, धतूरा,चावल, धूप, दीपक, फल, पान,सुपारी आदि अर्पित करें।