Pauranik katha: शनिदेव की वक्र दृष्टि से बचने के लिए भगवान शिव ने किया था यह काम, पढ़ें पौराणिक कथा
हिंदू धर्म में शनिदेव को न्याय प्रिय देवता माना गया हैं शनिदेव हर मनुष्य को उसके कर्मों के अनुरूप ही फल प्रदान करते हैं नौ ग्रहों में से एक मुख्य ग्रह शनि ही हैं ऐसा कहा जाता हैं कि सभी ग्रहों में से सबसे धीमे शनि ग्रह चलते हैं इसी के चलते इन्हीं शनैश्चर कहा जाता हैं। आज शनिवार का दिन हैं यह दिन शनिदेव महाराज का दिन होता हैं तो आज हम आपको शनिदेव और शिव से जुड़ी एक पौराणिक कथा बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
तब शिव ने पूछा कि वक्र दृष्टि कब तक रहेगी। शनिदेव ने कहा कल सवा पहल तक। शिव शनिदेव की वक्र दृष्टि से बचने के लिए अगले दिन हाथी बन गए और फिर पृथ्वी लोक पर भ्रमण करने लगे। फिर कुछ दिनों बाद जब शिव वापस आए तो उन्होंने शनिदेव से कहा कि वो उनकी वक्र दृष्टि से बच गए हैं।