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रत्नज्योतिष: ग्रह दोष दूर करने के लिए धारण करते हैं रत्न, तो जान लें ये जरूरी बातें

 

ज्योतिषशास्त्र और रत्नशास्त्र का हर किसी के जीवन में विशेष महत्व और स्थान होता हैं ग्रहों के दोष निवारण के लिए अधिकतर लोग रत्न धारण करते हैं जिससे उसका दुष्प्रभाव उन पर न पड़ सकें। वही उनकी सफलता और उन्नति में कोई बाधा उत्पन्न न हो। जब भी रत्न धारण किया जाता हैं तो उसके बारे में कई चीजों का ध्यान रखना जरूरी होता हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं रत्न धारण करते वक्त किन बातों का ध्यान रखें, तो आइए जानते हैं।

आपको बता दें कि रत्न धारण करने से पहले उस रत्न के बारे में जरूर जाने कि वो असली है या नहीं तभी उसका प्रभाव आपको देखने को मिल सकता हैं कभी भी खंडित रत्न धारण नहीं करना चाहिए। उसके खंडित होने, रंग या चमक फीका होने या बदरंग होने पर उसे न पहलें उसे बदल देना चाहिए। रत्न धारण करते वक्त उसके मंत्र का उच्चारण करना चाहिए और सही विधि का भी पालन करना जरूरी हैं सोने, चांदी या किसी अन्य धातु में बने रत्न के नीचे का भाग खुला होना चाहिए जिससे उसका स्पर्श आपकी त्वचा से होता रहे। वही पहने हुए रत्न को बार बा नहीं उतारना चाहिए इससे उसके प्रभाव पर फर्क पड़ता हैं किसी अनजाने व्यक्ति का, चोरी किया हुआ, बिना कीमत चुकाया हुआ या चोरी का रत्न न धारण करें। वह आपके लिए दोषपूर्ण और विपरीत प्रभाव देने वाला हो सकता हैं। नीलम शनि का और हीरा शुक्र का प्रभावशाली रत्न हैं स्वयं पर इसके प्रभाव को जाने बिना ही धातु में न बनवाएं।