जयपुर।मानसून के मौसम में मच्छरों के कारण डेंगू, मलेरिया और जीका वायरस जैसे संक्रामक रोगों का खतरा अधिक रहता है।वहीं इस मौसम में वायरल बुखार और टाइफाइड बुखार का खतरा भी अधिक रहता है।टाइफाइड का बुखार बेहद घातक होता है और इसका समय पर इलाज ना मिलने पर यह जानलेवा भी बन सकता है।हमारे शरीर में टाइफाइड बुखार साल्मोनेला बैक्टीरिया के कारण फैलता है,
जो कि दूषित पानी और भोजन करने से हमारे शरीर को टाइफाइड से संक्रमित बना देता है।इससे हमारे शरीर का तापमान काफी बढ़ जाता है और तेज बुखार आने लगता है।टाइफाइड बुखार से बचने के लिए इसके लक्षण को पहचानना बेहद आवश्यक है, जिससे इसका इलाज समय पर किया जा सकें।
शरीर में टाइफाइड की समस्या होने पर तेज बुखार,पेट में तेज दर्द, दस्त व डायरिया की समस्या, लगातार सिर में दर्द रहना, भूख में कमी, शरीर में दर्द रहना व कमजोरी महसूस होना और लीवर में संक्रमण होना जैसे लक्षण दिखाई देते है।टाइफाइड के बुखार से बचाने के दूषित भोजन और पानी का सेवन ना करें।
इसके अलावा पानी को हमेशा उबाल कर ही पीएं।आप नारियल पानी, जूस, सूप आदि का सेवन करें, ताकि शरीर का तापमान नियंत्रित बना रहें।टाइफाइड के बुखार में प्रोटीन युक्त भोजन के साथ केला, पालक, लौकी व करेला, उबली हुई मूंग की दाल और रोटी का सेवन करें।
लेकिन टाइफाइड के मरीजों को तला हुआ भोजन और नॉनवेज का सेवन नहीं करना चाहिए।टाइफाइड के मरीज बुखार के दौरान प्याज का रस का सेवन करने से आराम मिलता है।टाइफाइड बुखार के मरीज को छाछ का सेवन करने से भी काफी फायदा मिलता है।