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धूम्रपान छोड़ने के इतने वर्षों बाद भी हो सकता है लंग कैंसर

 

जयपुर। लंग कैंसर धूम्रपान के सेवन से होने वाला कैंसर होता है। डॉक्टर बार—बार धूम्रपान छोड़ने की सलाह देते है। लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन के बाद इससे संबंधित चौकाने वाला खुलासा हुआ है। इस अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों ने बताया है कि लंग कैंसर का खतरा धूम्रपान छोड़ने के 15 वर्षों बाद तक भी रहता है। कई बार ऐसा होता है कि कई लोग लंबे समय तक धूम्रपान करते है और फिर इसे छोड़कर सोचते है कि अब उन्हें कैंसर से कोई खतरा नहीं है। लेकिन वैज्ञानिकों ने इस पूरी बात का गलत साबित ​कर दिया है। यूएस प्रिवेंटिव सर्विसेज टास्क फोर्स (यूएसपीएसटीएफ) ने कैंसर की जांच का जो मौजूदा मापदंड तय किया है, उसके अनुसार, 55 साल से 80 साल के ऐसे व्यक्तियों को सीटी स्कैन कराना चाहिए, जिन्होंने लगातार 30 साल तक एक पैक सिगरेट का कश लिया और आज भी धूम्रपान कर रहे हैं या फिर 15 साल पहले छोड़ चुके हैं। क्योंकि इस नए शोध में मुख्य शोधकर्ता पिंग यांग ने पाया कि जिन मरीजों ने 15 से 30 साल पहले ही धूम्रपान छोड़ दिया था। उनमें भी फेफड़ों के कैंसर का खतरा अधिक रहा। लेकिन यह इस सामान्य धारणा के विपरीत है कि जिन लोगों ने कई सालों से धूम्रपान छोड़ दिया हो, उनमें फेफड़ों के कैंसर का जोखिम न्यूनतम होता है। लेकिन यांग ने बताया कि हमारे ऐसा सोचना एकदम गलत है क्योंकि जिन लोगों ने 15 साल पहले ही धूम्रपान छोड़ दिया हैं उन पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि उनमें फेफड़ों के कैंसर का जोखिम अधिक होता है। इसलिए धूम्रपान छोड़ने के बाद भी समय—समय पर शरीर की जांच करवाना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।

हाल ही में हुए एक नए अध्ययन के बाद वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि जो लोग धूम्रपान करते है उनमें तो लंग कैंसर का खतरा तो रहता ही है, साथ ही यह खतरा उन लोगों में और भी ज्यादा रहता है, जिन्होंने 15 साल पहले ही धू्म्रपान की लत को छोड चुके है।इस नए शोध में मुख्य शोधकर्ता पिंग यांग ने पाया कि जिन मरीजों ने 15 से 30 साल पहले ही धूम्रपान छोड़ दिया था। उनमें भी फेफड़ों के कैंसर का खतरा अधिक रहा। धूम्रपान छोड़ने के इतने वर्षों बाद भी हो सकता है लंग कैंसर