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आपको जवान बना देंगे ये 5 आयुर्वेदिक तेल, जरूर पढ़ें

 

कलयुग यानि आज का दौर जिसमें हमारी ज़िंदगी बहुत भागदौड़ भरी हो गई है और इसके चलते हम अपने आप पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, न ठीक से शुद्ध खान पान है और न सुकून जिसके चलते हम समय से पहले ही बूढ़ों वाली बीमारियो से ग्रसित होने लगे हैं , पर इन सबका भी ईलाज हमारे भारत में मुमकिन है जो की आयुर्वेद के जरिये संभव है ।आज आयुर्वेद को देश मे ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मान्यता प्राप्त है , हाँ इससे इलाज़ में वक़्त थोड़ा ज्यादा लगता है पर यह बीमारी को जड़ से खत्म करने में कारगर है । यहां हम ऐसे आयुर्वेदिक 5 तैलों के बारे में बताएँगे जो फिर से जवां बनने में आपकी मदद करेंगे ।

1. इरमेदादी तैल :-
आजकल युवाओं को भी समय से पहले ही बुजुर्गों की तरह दातों की भिन्न भिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है ।जैसे :- दातों मे दर्द , मसूड़ों मे दर्द उनका रोग , मुँह में से बदबू आना , दातों में से खून आना ,जीभ ,होंठ, तालु के रोगों से परेशान । इन सबसे निदान के लिए यह तेल को मुँह मे भर कर कुल्ला करने ओर रुई मे तेल लेकर दाँत पर रखने से आराम मिलता है।

2. नारायण तेल:- इस तेल का इस्तमल सिर्फ बालों के लिए ही नहीं अपितु शरीर के रोगो को ठीक करने ओर दर्द निवारण के लिए भी उपयोग किया जाता है ।लकवा , शरीर मे दर्द , रीढ़ की हड्डी ममें होने वाले दर्द ,कब्ज़ , वात रोग मे इससे मालिश लाभदायक है । दूध में 1-2 बूंद डालकर सेवन भी लाभदायक है।

3. काशीसादी तेल :-आजकल की बिज़ी ज़िंदगी और भाग दौड़ में एक ऐसी बीमारी है बवासीर जो अब न छोटे को देखती है न बड़े को ओर काफी तकलीफ देह साबित होती है। ऐसे में इस तेल में रुई को भिगो ककर लगाना कारगर साबित होता है।

4. महाभृंग्रराज़ तेल : -प्रदूषण और अधूरे खान-पान के चलते आज समय से पहले हे बालों के झड़ने की समस्या ओर गंजेपन की समस्या बहुत बढ़ गई है । इस तेल के इस्तेमाल से बालों का झड़ना कम होता है ,बाल प्रकृतिक रूप से काले होते है और नए बाल भी उगते है साथ ही इससे दिमाग में टंक भी पहुँचती है।

5. चंदनबला लाशदी तेल :- यह तेल शरीर में आई सूजन को कम कर दर्द के निवारण का काम करता है ।इसके सुबह और शाम इस्तेमाल से सूजन म बहुत जल्द आराम मिलता है ।