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Cervical Cancer:इस उम्र में महिलाओं बढ़ता सवाईकल कैंसर का खतरा, बचाव के लिए इन लक्षणों का रखें ध्यान

 

जयपुर।आज के समय में महिलाओं में पुरूषों की तुलना में महिलाओं में बीमारियों का खतरा अधिक रहता है।महिलाओं में गलत खानपान और बदली लाइफस्टाइल के कारण ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर की बीमारी का खतरा अधिक रहता है।सवाईकल कैंसर की बीमारी महिलाअें में गर्भाशय के सबसे निचले हिस्से में होने वाला रोग है, जो कि घातक साबित हो सकता है।

महिलाओं में 35 से 45 साल की उम्र में अनियमित खानपान, अधिक गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन, असुरक्षित यौन संबंध बनाने, शराब और सिगरेट का सेवन करने के कारण सवाईकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।सर्वाइकल कैंसर के लक्षण आखिर स्टेज पर पहुंचने के बाद ही दिखाई देते है।

लेकिन इसके प्रारंभिक अवस्था में दिखने वाले कुछ खास लक्षणों को पहचानकर आप इससे खुद का बचाव कर सकते है।महिलाओं में सवाईकल कैंसर के लक्षण के तौर पर अनियमित पीरियड्स, हैवी ब्लीडिंग,व्हाईट डिस्चार्ज, पेट के निचले हिस्से में दर्द या सूजन होना, बार-बार पेसाब आना व लूज मोशन की परेशानी होना, शरीर में बेहवजह थकान रहना और शरीर में हल्का बुखार रहने जैसी समस्या दिखाई देती है।

ऐसे में आप इन लक्षणों का ध्यान रख कर तुरंत डॉक्टर से अपनी जांच अवश्य करवाएं।सर्वाइकल कैंसर के इलाज के लिए वैक्सीनेशन, सर्जरी और कीमोथेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है।आप इसके बचाव के लिए हर 6 महीने में एक बार पैप स्मीयर टेस्ट अवश्य करवाएं।

शरीर का मोटापा भी सवाईकल कैंसर का कारण होता है, इसलिए अपने शरीर के वजन को नियंत्रित रखने के लिए फलों का सेवन करें और प्रतिदिन शारीरिक एक्सरसाइज का अभ्यास अवश्य करें।इसके अलावा असुरक्षित यौन संबंध बनाने से बचे और शरीर की साफ—सफाई का खास ध्यान रखें।