जॉम्बीज से भिड़ेंगी आर्मी ऑफिसर सोनम, ऋषभ चड्ढा दिखाएंगे सस्पेंस का जादू
मुंबई, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। फिल्म 'दृश्यम' में नकारात्मक भूमिका अदा कर चुके अभिनेता ऋषभ चड्ढा और अभिनेत्री सोनम मिलकर दर्शकों के लिए हॉरर कॉमेडी का तड़का 'जोर' फिल्म के साथ लेकर आ रहे हैं।
यह फिल्म एक जॉम्बी आधारित हॉरर-कॉमेडी है, जो दर्शकों को डर के साथ-साथ हंसी का डोज भी देगी। फिल्म 16 जनवरी 2026 को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। दोनों कलाकारों ने आईएएनएस से बातचीत की और अपने किरदार के बारे में बताया।
फिल्म में सोनम एक आर्मी ऑफिसर की भूमिका में नजर आएंगी। उन्होंने कहा, "जब आपको पता चलता है कि देश में जॉम्बी जैसा प्राणी आ गया है और लोगों को बचाना है, लेकिन यह एक ऐसा है, जिसे मैंने कभी देखा नहीं, जाना नहीं। इससे डर भी लगता है, लेकिन आर्मी ट्रेनिंग की वजह से मुझे स्थिति को भी संभालना है। इसलिए फिल्म में मेरे रिएक्शन ज्यादा घबराहट वाले नहीं, बल्कि बहादुरी वाले दिख रहे हैं।"
वहीं, ऋषभ चड्ढा ने कहा, "हॉरर असल में कैमरे के मूवमेंट और ट्रीटमेंट से आता है। हमने शूटिंग के समय ज्यादा सतर्कता बरती कि कैमरे का एंगल कहां जा रहा है, तो हम उस तरह से रिएक्ट करेंगे।"
उन्होंने करियर को लेकर कहा, "जब मैं फिल्म 'दृश्यम' की शूटिंग कर रहा था, तो निर्देशक ने मुझे मेरे किरदार के बारे में मोटे तौर पर समझा दिया था कि कैसा है और क्या करना है। मैं समझ गया कि मेरा किरदार नकारात्मक है। आमतौर पर हम विलेन का रोल जब प्ले करते हैं, तो लाउड दिखाते हैं, लेकिन मेरी कुछ अलग तरीके से करने की कोशिश थी, तो मैंने निर्देशक से कहा कि एक टेक आपके तरीके से करूंगा, दूसरा अपने, और तीसरे में मैं दोनों को ऐड कर दूंगा, और उस एक ही टेक में हम दोबारा टेक नहीं लेते। इसलिए मुझे लगता है कि एक्टर्स को थोड़ा ज्यादा असली मतलब रियलिस्टिक बनना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "आज की जनता बहुत स्मार्ट हो गई है। वे फेक एक्टिंग को तुरंत पकड़ लेती है। इसलिए कलाकार को ज्यादा वास्तविक बनना पड़ता है।"
ऋषभ ने आगे नवाजुद्दीन सिद्दीकी, पंकज त्रिपाठी, राजकुमार राव और आयुष्मान खुराना जैसे कलाकारों का उदाहरण देते हुए कहा कि ये बेहतरीन और असली अभिनय के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कहा, "जब 'बरेली की बर्फी' जैसी लाइट फिल्में पर्दे पर आती हैं, तो दर्शक इसे खूब पसंद करते हैं। ओटीटी प्लेटफॉर्म और थिएटर में फर्क है। ओटीटी फोन या लैपटॉप पर देखते हैं, तो ओवर एक्टिंग ज्यादा नजर नहीं आती। लेकिन बड़े पर्दे पर सबकुछ बड़ा दिखता है, इसलिए वहां एक्टिंग ज्यादा संयमित और वास्तविक होनी चाहिए। फ्रेम का साइज अभिनेता को प्रभावित करता है।''
नए साल के रेजोल्यूशन को लेकर ऋषभ ने कहा, "मैं एक-दो थिएट्रिकल फिल्में और करना चाहता हूं। साथ ही, अपना लाइव स्टोरीटेलिंग शो 'मॉडर्न मजनू' को इंटरनेशनल स्तर पर भी ले जाना चाहता हूं।"
--आईएएनएस
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