×

पति को फंसाने के लिए पत्नी ने भतीजे की ले ली जान, बुआ को मिली उम्रकैद

 

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात से एक रूह कंपा देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला को अपने महज पांच महीने के भतीजे का अपहरण और हत्या करने के मामले में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। मामला वर्ष 2022 का है, जो अब कानूनी फैसले के साथ न्याय के मुकाम तक पहुंचा है। स्पेशल जज एंटी डकैती कोर्ट कानपुर देहात ने इस मामले में आरोपी महिला को उम्रकैद की सजा सुनाई है और 45 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट के आदेश के अनुसार, अगर महिला जुर्माना नहीं भरती है तो उसे अतिरिक्त ढाई साल की जेल की सजा भुगतनी होगी।

पति को फंसाने के लिए की थी भतीजे की हत्या

इस मामले की सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि महिला ने अपने ही पति को फंसाने के लिए अपने मासूम भतीजे की निर्मम हत्या कर दी। आरोपी महिला सीता, मृतक सुशील की बुआ है। वह कानपुर देहात के लालूपूरा गांव, थाना बिल्हौर की रहने वाली है। पीड़ित परिवार के अनुसार, सीता का अपने पति देशराज से अक्सर विवाद होता था और वह मायके में ही रह रही थी।

14 नवंबर 2022 को लापता हुआ था मासूम

14 नवंबर 2022 को रिंकू का पांच महीने का बेटा सुशील घर के बाहर से लापता हो गया था। परिवार ने काफी खोजबीन की लेकिन बच्चे का कुछ पता नहीं चला। इसके बाद रिंकू ने अपनी बहन सीता और बहनोई देशराज पर शक जताते हुए बिल्हौर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने जांच शुरू की और कुछ ही दिनों में मामले की सच्चाई सामने आ गई।

ईशान नदी से मिला था शव, बुआ को किया गया गिरफ्तार

पुलिस जांच के दौरान 18 नवंबर 2022 को सुशील का शव ईशान नदी से बरामद हुआ। शव मिलने के बाद पुलिस का शक और मजबूत हुआ और उन्होंने सीता को हिरासत में लिया। पूछताछ में सीता ने जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस ने उसके पति देशराज को क्लीन चिट देते हुए केस से उनका नाम हटा दिया। इसके बाद सीता को जेल भेज दिया गया और मामला कोर्ट में चला।

कोर्ट ने दोषी मानते हुए सुनाई सजा

इस केस की सुनवाई कानपुर देहात की एंटी डकैती स्पेशल कोर्ट में चल रही थी। 24 जुलाई 2025 को अदालत ने सीता को अपहरण, हत्या और साक्ष्य मिटाने की धाराओं में दोषी करार दिया। सोमवार को सजा के बिंदुओं पर सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने उम्रकैद और जुर्माना तय किया।

समाज में गूंजा मामला, उठे कई सवाल

इस घटना ने पूरे इलाके में सन्नाटा और आक्रोश फैला दिया। लोगों को यकीन नहीं हो रहा कि एक महिला ने अपने वैवाहिक झगड़े की वजह से अपने ही भतीजे को मौत के घाट उतार दिया। यह मामला न सिर्फ कानूनी मिसाल बना, बल्कि सामाजिक चेतावनी भी कि आपसी रिश्तों में कड़वाहट कैसे घातक रूप ले सकती है। फिलहाल आरोपी महिला जेल में है और फैसले के खिलाफ अपील करने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। पुलिस और कोर्ट की त्वरित कार्रवाई ने न्याय व्यवस्था में लोगों का भरोसा और मजबूत किया है।