कौन है विरांश भानुशाली जिन्होंने ऑक्सफोर्ड में उड़ाई पाकिस्तान की धज्जियां ? वायरल वीडियो में देखे क्या कुछ कहा
मुंबई के रहने वाले और ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में लॉ की पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्र विरंश भानुशाली इन दिनों इंटरनेशनल मीडिया और सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में हैं। ऑक्सफ़ोर्ड यूनियन में हाल ही में हुई एक डिबेट में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और भारत की सुरक्षा नीति पर उनके तीखे तर्कों ने दुनिया भर का ध्यान खींचा है। खासकर, उनका एक बयान, "आप उस देश को शर्मिंदा नहीं कर सकते जिसे कोई शर्म नहीं है," ऑनलाइन तेज़ी से वायरल हो रहा है।
कौन हैं विरंश भानुशाली?
विरंश भानुशाली मूल रूप से भारत की फाइनेंशियल कैपिटल मुंबई के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी स्कूलिंग मुंबई के NES इंटरनेशनल स्कूल से पूरी की है। वह अभी UK में ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के सेंट पीटर कॉलेज में लॉ के स्टूडेंट (BA ज्यूरिस्प्रूडेंस) हैं। वह 2026 बैच का हिस्सा हैं और पिछले तीन सालों से यूनिवर्सिटी की अलग-अलग एक्टिविटीज़ में एक्टिव रूप से शामिल रहे हैं।
ऑक्सफ़ोर्ड यूनियन में शानदार तर्क
विरंश अभी ऑक्सफ़ोर्ड यूनियन में 'चीफ ऑफ स्टाफ' के पद पर हैं। हाल ही में एक मोशन पर डिबेट हुई थी: "यह सदन मानता है कि पाकिस्तान के प्रति भारत की नीति सुरक्षा के नाम पर लोकप्रियता हासिल करने का सिर्फ़ एक दिखावा है।" विरंश ने भारत के नज़रिए को पेश करते हुए इस मोशन के खिलाफ तर्क दिया। अपने भाषण में, उन्होंने 26/11 के हमलों के साथ-साथ 1993 के मुंबई बम धमाकों और पठानकोट, उरी और पुलवामा हमलों का ज़िक्र किया। उन्होंने साफ किया कि भारत की नीतियां असली राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं पर आधारित हैं, न कि चुनावी फायदों पर। उन्होंने 26/11 के बाद भारत के संयम और हाल के सालों में की गई मिलिट्री कार्रवाई (जैसे ऑपरेशन सिंदूर) के उदाहरण दिए, जो रणनीतिक कैलकुलेशन का हिस्सा थे, न कि राजनीतिक दिखावा।
अपनी बात को और असरदार तरीके से रखने के लिए, विरंश ने एक मुंबईकर के तौर पर अपने पर्सनल अनुभव भी शेयर किए। उन्होंने बताया कि कैसे 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों ने उनके शहर और लाखों लोगों की ज़िंदगी पर गहरा असर डाला। उन्होंने तर्क दिया कि जिस देश में आतंकवादी पनाह लेते हैं, उसे दूसरों को नैतिकता पर लेक्चर देने का कोई हक नहीं है। उन्होंने उरी, पठानकोट और पुलवामा हमलों का ज़िक्र करके पाकिस्तान के दोहरे मापदंडों को भी उजागर किया।
इंटरनेशनल पहचान
विरंश सिर्फ़ एक स्पीकर ही नहीं हैं, बल्कि उन्होंने 'द ऑक्सफ़ोर्ड मजलिस' नाम की एक स्टूडेंट पहल की को-फाउंडिंग भी की है, जो कल्चरल और बौद्धिक चर्चाओं को बढ़ावा देती है। उनके भाषण का वीडियो, जिसमें उन्होंने तथ्यात्मक सबूतों के साथ ऑक्सफ़ोर्ड यूनियन के प्रेसिडेंट मूसा हर्राज़ (जो पाकिस्तानी मूल के हैं) के दावों का खंडन किया था, लाखों बार देखा जा चुका है।