×

वोटर लिस्ट में गड़बड़ी में लेफ्ट था ग्रेजुएट तो टीएमसी पोस्ट ग्रेजुएट: समिक भट्टाचार्य

 

कोलकाता, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। भाजपा सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और वाम मोर्चा पर हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में लंबे समय से मृत मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट में बने हुए हैं।

समिक भट्टाचार्य ने कहा कि पूरे देश में ऐसे कई मामले सामने आते हैं, जहां जिन मतदाताओं की मौत हो चुकी है, उनके नाम अब भी मतदाता सूची में दर्ज हैं। पश्चिम बंगाल में यह परंपरा नई नहीं है।

राज्यसभा सदस्य के अनुसार, 34 वर्षों तक सत्ता में रहे वाम मोर्चा ने इस तरह की व्यवस्था को अपनाया और उसके बाद सत्ता में आई तृणमूल कांग्रेस ने भी उसी रास्ते पर चलना जारी रखा।

उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "अगर वाम मोर्चा इसमें ग्रेजुएट था, तो तृणमूल कांग्रेस पोस्ट ग्रेजुएट है और अगर मौका मिला तो पीएचडी तक भी पहुंच सकती है।"

भाजपा सांसद समिक भट्टाचार्य ने यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय नागरिकों का नाम ही वोटर लिस्ट में रहेगा और यही एसआईआर प्रक्रिया का उद्देश्य है। उन्होंने भरोसा जताया कि यह लक्ष्य पूरा किया जाएगा।

पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और इसी को देखते हुए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। मंगलवार को भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने पश्चिम बंगाल के लिए वर्ष 2026 की विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया के तहत ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी कर दी है।

निर्वाचन आयोग के अनुसार, ड्राफ्ट मतदाता सूची पर दावे और आपत्तियां दर्ज कराने की अवधि 16 दिसंबर से 15 जनवरी 2026 तक तय की गई है। इस दौरान यदि किसी मतदाता का नाम सूची में नहीं है, गलत दर्ज है, या किसी प्रकार का सुधार आवश्यक है तो वह आवेदन कर सकता है। इसके बाद आपत्तियों पर सुनवाई और सत्यापन की प्रक्रिया 16 दिसंबर से 7 फरवरी 2026 तक चलेगी। सभी दावों और आपत्तियों के निपटारे के बाद अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी को प्रकाशित की जाएगी।

--आईएएनएस

वीकेयू/वीसी