पश्चिम बंगाल में घुसपैठियों पर मजाक का वीडियो वायरल, एक्सक्लूसीव फुटेज में देखें कल्याण बनर्जी और नितिन गडकरी की संसद में तीखी नोंकझोंक
संसद परिसर में टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी और केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के बीच हुई मुलाकात का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में दोनों नेताओं के बीच घुसपैठियों को लेकर मजाकिया बातचीत देखी जा सकती है, जिसे लोग काफी चर्चा का विषय बना रहे हैं।
वीडियो में देखा जा सकता है कि कल्याण बनर्जी गडकरी से पूछते हैं, “एक मिला क्या?” जिसके बाद दोनों नेता ठहाका लगाते हैं। पास खड़े अन्य लोग भी मुस्कुराने लगते हैं। इस मुलाकात का यह दृश्य संसद परिसर का है, जब दोनों नेता आमने-सामने मिले।
इस दौरान कल्याण बनर्जी ने मजाकिया अंदाज में गडकरी से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बार-बार देश में एक करोड़ घुसपैठियों का जिक्र किया था। उनके सवाल का स्वर मजाकिया था, लेकिन वीडियो ने तुरंत सोशल मीडिया पर जोर पकड़ लिया।
हालांकि यह मुलाकात केवल हंसी-मजाक के स्वर में हुई थी, लेकिन इसे वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों से जोड़ा जा रहा है। देश के 12 राज्यों में फिलहाल चुनाव आयोग द्वारा स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन चल रहा है। विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया के जरिए सरकार लोगों को जबरन घुसपैठिया बताकर देश से निकाल रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस वायरल वीडियो ने चुनावी माहौल और जनसंपर्क की राजनीति में नया दृष्टिकोण पेश किया है। वीडियो में घुसपैठियों को लेकर हल्के-फुल्के अंदाज में की गई बातचीत ने सोशल मीडिया पर तुरंत ट्रेंड किया, और दोनों नेताओं के समर्थक व आलोचक इस पर अलग-अलग रिएक्शन दे रहे हैं।
टीएमसी और बीजेपी के बीच यह संवाद राजनीतिक बहस का हिस्सा भी बन गया है। बनर्जी का सवाल और गडकरी का ठहाका केवल संसद परिसर का दृश्य नहीं है, बल्कि यह वर्तमान समय में घुसपैठियों और नागरिक पहचान को लेकर चल रही बहस का प्रतीक भी माना जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि वायरल वीडियो इस बात को स्पष्ट करता है कि नेता अपने व्यक्तिगत अंदाज में भी सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को हल्के-फुल्के तरीके से पेश कर सकते हैं। वहीं, विपक्ष इसे गंभीर मुद्दे के रूप में उठा रहा है और इसे सरकारी नीतियों पर सवाल उठाने का एक माध्यम बना रहा है।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि चुनावी समय और संवेदनशील सामाजिक मुद्दों पर नेताओं के मजाकिया अंदाज का कितना प्रभाव पड़ता है। जनता, विपक्ष और समर्थक सभी इस वीडियो के माध्यम से अलग-अलग संदेश और व्याख्याएं निकाल रहे हैं।
फिलहाल, संसद परिसर में हुई यह मुलाकात और उसका वायरल वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चर्चा का केंद्र बना हुआ है। इससे यह स्पष्ट होता है कि राजनीतिक हल्के अंदाज भी कभी-कभी राष्ट्रीय बहस का विषय बन सकते हैं।