ऊना: बारिश के इंतजार में सूखती रबी फसलें, ठंड व कोहरे ने बढ़ाई किसानों की चिंता
ऊना, 31 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के ऊना में बीते कई सप्ताह से कड़ाके की ठंड जारी है। घने कोहरे के बीच बारिश के लंबे अंतराल ने किसानों और बागवानों की चिंता को और गहरा कर दिया है। सर्द और शुष्क मौसम का सीधा असर अब रबी फसलों पर स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। खासकर गेहूं की फसल गैर-सिंचित क्षेत्रों में सूखे की चपेट में आ चुकी है, जिससे उत्पादन घटने की आशंका बढ़ गई है।
खेतों में खड़ी फसल का रंग पीला पड़ना इस बात का संकेत है कि पौधों को आवश्यक नमी नहीं मिल पा रही है। जिले में गेहूं की खेती बड़े पैमाने पर होती है, लेकिन सीमित सिंचाई सुविधाओं के कारण अधिकांश किसान पूरी तरह बारिश पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में समय पर बारिश न होना किसानों के लिए दोहरी मार साबित हो रहा है। यदि जल्द बारिश नहीं हुई, तो आने वाले दिनों में हालात और भी गंभीर हो सकते हैं।
जानकारी के अनुसार, जिले में लगभग 35 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की खेती की जाती है, जिसमें से केवल करीब 45 प्रतिशत क्षेत्र ही सिंचित है। शेष 40 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र पूरी तरह वर्षा आधारित है, जहां इस समय सूखे जैसे हालात बन गए हैं। कृषि विभाग के अनुसार, गैर-सिंचित क्षेत्रों में लगभग 40 प्रतिशत फसल प्रभावित मानी जा रही है। खेतों में गेहूं की फसल का पीला पड़ना पौधों की कमजोर बढ़वार और संभावित पैदावार में कमी का संकेत है।
उपमंडल अंब और बंगाणा के कई क्षेत्र सूखे से सबसे अधिक प्रभावित बताए जा रहे हैं। यहां किसानों का कहना है कि यदि आने वाले एक सप्ताह में अच्छी बारिश नहीं हुई, तो फसल को बचाना मुश्किल हो जाएगा और उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
कृषि उपनिदेशक डॉ. कुलभूषण धीमान ने बताया कि लगातार ठंड, घना कोहरा और बारिश के अभाव से गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग की एसएमएस टीमें अलर्ट मोड पर हैं और फसलों की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। साथ ही किसानों को आवश्यक सलाह भी दी जा रही है, ताकि नुकसान को कम किया जा सके।
उन्होंने कहा कि सिंचित क्षेत्र में पूरे फसल चक्र के दौरान कम से कम पांच सिंचाइयों की आवश्यकता होती है, जिसको लेकर किसानों को लगातार परामर्श दिया जा रहा है। हालांकि इस बार हुई भारी बरसात के चलते जमीन की नमी कई क्षेत्रों में अभी तक फसलों के काम आ रही है, लेकिन आने वाले दिनों में यदि बारिश नहीं होती, तो नुकसान ज्यादा हो सकता है।
--आईएएनएस
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